हाकिमों की नाक के नीचे कब्जा रखा है फुटपाथ
मेरठ : शहर में अतिक्रमण व अवैध कब्जों की जद में दम तोड़ चुके फुटपाथ अब कागजों में सिमट कर रह गए हैं।
मेरठ : शहर में अतिक्रमण व अवैध कब्जों की जद में दम तोड़ चुके फुटपाथ अब कागजों में सिमट कर रह गए हैं। सड़क के दोनों ओर अवैध कब्जों ने सड़क का सीना काटकर समस्या को भयावह बना दिया है। सिकुड़ी सड़क के कारण राहगीरों को पैदल चलने के लिए परेशानी होती है तो वहीं आए दिन दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं। सरकारी तंत्र की उदासीनता और अफसरों की लापरवाही से लोग मौत के शिकार बन रहे हैं। शहर की मुख्य सड़कों में से एक अंबेडकर चौराहे से मेघदूत चौपले का भी यही हाल है। सड़क के दोनों ओर मिस्त्री, फलों की अस्थायी दुकान, पार्किंग, अवैध खोखे आदि ने सड़क का 'दम' घोंट कर रख दिया है। अहम बात यह है कि सड़क की यह बदतर स्थिति वहां है जहां शहर के कलक्टर और कप्तान जैसे अफसरान बैठते हैं। रोजाना वे इन समस्याओं से दो-चार होते हैं, लेकिन समाधान ढूंढने की बजाय आंखे मूंद लेते हैं।
जिला बार गेट पर सैकड़ों वाहनों की पार्किंग
अंबेडकर चौराहे के पास कचहरी के जिला बार गेट के बाहर पार्किंग लगाई जाती है। यहां ठेकेदार ने कब्जा कर सड़क को पाट कर रख दिया है। पार्किंग भी एक दो वाहनों की नहीं, बल्कि सैकड़ों दुपहिया वाहन यहां खड़े किए जाते हैं। सुबह दस से दोपहर तीन बजे तक तो यहां पार्किंग के कारण जाम लगना आम है। फुटपाथ की जगह पर होने वाली इस पार्किंग के बारे में पुलिस-प्रशासनिक अफसरों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। पूरे जिले के आला अफसर यहां से 500 मीटर के दायरे में रहते हैं लेकिन सभी आंखें मूंद कर आगे बढ़ जाते हैं।
दुकान के बाहर चलती है फोटोस्टेट मशीनें
जिला बार गेट से मेघदूत की ओर थोड़ा आगे चलने पर दर्जन भर फोटोस्टेट की दुकानें हैं। कचहरी के कामकाज पर आधारित इस फोटोस्टेट के काम में सभी दुकानदार प्रतिस्पर्धा के चलते अपनी दुकान का शेड एक-दूसरे से आगे निकलाने की होड़ में लगे रहते हैं। व्यापार के साथ-साथ फुटपाथ पर कब्जा कर शेड के नीचे फोटोस्टेट की बड़ी-बड़ी मशीनें रख दी गई हैं। व्यापारी इन मशीनों को दुकान में अंदर रखने के बजाय बाहर लगाकर दिनभर काम में लगे रहते हैं। दुकानदारों ने आसपास रहने वाले लोगों से उनका फुटपाथ का अधिकार छीन लिया है।
सड़क पर चल रहा 'कार सेल-परचेज' का व्यापार
मिस्त्रीयों व खोखे के साथ-साथ कार सेल परचेज करने वाले भी फुटपाथ पर कब्जा करने में कम पीछे नहीं है। शहर की विभिन्न सड़कों पर ट्रैवल एजेंसी व कार खरीद फरोख्त का काम धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। मेघदूत चौपले पर भी आमतौर पर यही हाल रहता है। फुटपाथ की जगह पर दर्जन भर कारें कतार लगाकर खड़ी कर दी जाती हैं।
इन्होंने कहा..
यह सही है कि कचहरी-कलेक्ट्रेट आने-जाने वाले लोगों की संख्या रोजाना हजारों में होती है और इनमें पैदल चलने वालों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। कार्यदिवसों में यहां की स्थिति चिंताजनक हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए कैलाश प्रकाश स्टेडियम से अंबेडकर चौराहा, कचहरी और नाले के बराबर से होते हुए, कचहरी पुल, कचहरी मेन गेट, कमिश्नरी, एडीएम कंपाउंड से पुन: स्टेडियम तक एमडीए को सड़क बनाने को कहा गया है जिसमें डेढ़ मीटर के फुटपाथ का विशेष रूप से प्रावधान करने को कहा गया है। सड़क पर राहगीरों के चलने के लिए फुटपाथ की खातिर डीएम, सीडीओ, एसपी सिटी के आवास का हिस्सा भी निर्माण में लिया जा रहा है। इस पर एमडीए की ओर से काम शुरू भी हो चुका है।
-पंकज यादव, डीएम।