नए लुक में नजर आएगा 107 साल पुराना छावनी स्टेशन
कैंट स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक से ट्रेन पकड़ना..यानी जान जोखिम में डालना है। ट्रेन आने पर प्लेटफार्म की सतह काफी नीचे रह जाती है।
मेरठ, जेएनएन : कैंट स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक से ट्रेन पकड़ना..यानी जान जोखिम में डालना है। ट्रेन आने पर प्लेटफार्म की सतह काफी नीचे रह जाती है। यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने में दुश्वारियां आती हैं। अब 107 साल पुराने प्लेटफार्म को ऊंचा करने पर रेलवे बोर्ड ने मुहर लगा दी है। इसके साथ ट्रेन की मुख्य इमारत को भी नया रूप दिया जाएगा।
अंग्रेजी हुकूमत के समय 1912 में मेरठ कैंट स्टेशन का निर्माण किया गया था। पहले स्टेशन पर दो प्लेटफार्म थे, अब तीन हैं। दो और तीन को तो मेरठ से मुजफ्फरनगर टै्रक दोहरीकरण के दौरान ऊंचा कर दिया गया था। लेकिन प्लेटफार्म नंबर एक और उस पर निर्मित स्टेशन की मुख्य इमारत निर्माण के समय की है। ट्रेन की सतह प्लेटफार्म की सतह से डेढ़ फुट ऊंची रहती है। यात्री विशेष रूप से बुजुर्गो, महिलाओं और बच्चों को चढ़ने में परेशानी होती है। जरा-सी असावधानी गंभीर हादसे में बदल जाती है। स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि प्लेट फार्म नंबर एक को ऊंचा करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड ने पास कर दिया है। प्लेटफार्म पर टिकट घर, प्रतीक्षालय सहित वरिष्ठ स्टाफ के कक्ष हैं। वरिष्ठ अधिकारी निर्माण के पहले स्टेशन की बिल्डिंग की बाबत निर्णय लेंगे कि प्लेटफार्म ऊंचा होने के बाद बिल्डिंग का फर्श किस तरह ऊंचा किया जाए।
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि कैंट स्टेशन एतिहासिक है। यहां विशाल तिरंगा फहराने और क्रांतिकारियों के पोस्टर लगाने के लिए रेलवे बोर्ड से कहा गया है। जिसके बाद स्टेशन का लुक पूरी तरह बदल जाएगा।
पिछले सप्ताह हुई थी यात्री की मौत, अक्सर होते हैं हादसे
12 सितंबर को कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर हरिद्वार से दिल्ली जा रही ट्रेन से उज्जैन निवासी बुजुर्ग विष्णुकांत उपाध्याय पानी लेने उतरे थे। पानी लेकर चढ़ने के प्रयास में ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच में गिर पड़े। इसी बीच ट्रेन चल दी उनके साथ चढ़ रहा व्यक्ति भी उन्हें बचाने के प्रयास में गिर पड़ा। दोनो गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। अनिल अपनी पत्नी और आठ अन्य लोगों के साथ तीर्थयात्रा से लौट रहे थे। इस तरह के तमाम हादसे आए दिन होते हैं, जिनमें यात्री घायल होते हैं।