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पुलिस हिरासत में युवक की मौत, हंगामा

पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए युवक की रविवार की रात में थाने में ही मौत हो गई। पुलिस जब तक उसे लेकर अस्पताल पहुंचती उसने दम तोड़ दिया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 06:32 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 07:14 PM (IST)
पुलिस हिरासत में युवक की मौत, हंगामा
पुलिस हिरासत में युवक की मौत, हंगामा

जागरण संवाददाता, मऊ : पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए युवक की रविवार की रात में थाने में ही मौत हो गई। पुलिस जब तक उसे लेकर अस्पताल पहुंचती, उसने दम तोड़ दिया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत की पुष्टि होते ही विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस तत्काल उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर जनपद मुख्यालय पहुंची और उच्चाधिकारियों को सूचित किया। मामला घोसी कोतवाली का है। पुलिस अधीक्षक ने इस घटना में कोतवाल घोसी की लापरवाही को देखते हुए उन्हें तत्काल लाइन हाजिर कर दिया जबकि सीओ घोसी के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश दिए। उधर जिलाधिकारी ने भी घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

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हुआ यह कि सीओ घोसी श्वेता आशुतोष ओझा को शनिवार को किसी ने फोन से सूचना दी कि क्षेत्र के तिलई खुर्द निवासी युवक ओकेश यादव को ट्रैक्टर की बैट्री चुराने के आरोप में कुछ लोग पिढ़वल मोड़ के पास मार रहे हैं। सीओ श्वेता ने यह सूचना कोतवाल घोसी को देते हुए देख लेने को कहा। जानकारी मिलते ही कोतवाल नीरज पाठक मय दल-बल वहां पहुंचे और लोगों के हाथों पिट रहे ओकेश को छ़ुड़ाकर थाने ले आए तथा लाकअप में बंद कर दिया। दूसरे दिन रविवार होने के नाते उसका चालान नहीं भेजा गया। इसी बीच रात में ड्यूटी पर तैनात सिपाही ने लाकअप में बंद ओकेश की हालत बिगड़ने की सूचना कोतवाल घोसी को दी। कोतवाल तुरंत वहां पहुंचे और उसे लाद-फानकर सीएचसी घोसी पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने ओकेश को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस उसके शव को लेकर जिला अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंची और घरवालों को सूचना दी। घरवालों के साथ काफी संख्या में ग्रामीण भी वहां पहुंच गए। परिजनों और गांव वालों ने हिरासत में पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप लगाया और हंगामा खड़ा कर दिया।

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उच्चाधिकारियों ने तत्काल लिया मामले को गंभीरता से

पुलिस हिरासत में युवक की मौत की खबर लगते ही जनपद के उच्चाधिकारी सकते में आ गए। तुरंत ही कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कोतवाल घोसी को लाइन हाजिर कर दिया। तत्काल अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव को कोतवाल घोसी नीरज पाठक व सीओ घोसी श्वेता आशुतोष ओझा की भूमिका व लापरवाही की जांच करने का आदेश दिया। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि प्रथम ²ष्ट्या कोतवाल इस बात के दोषी हैं कि उन्होंने शनिवार को हिरासत में लेने के बाद ओकेश की मेडिकल जांच कराने का संज्ञान नहीं लिया, जबकि जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि मामले की विभागीय जांच के अलावा मजिस्ट्रियल जांच भी कराई जाएगी, यदि कोई दोषी पाया गया, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


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