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पूजी गईं कूष्मांडा, मंदिरों में लगे मां के जयकारे

जागरण संवाददाता मऊ शारदीय नवरात्र के चौथे दिन घर-घर मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की ग

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 04:43 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 04:43 PM (IST)
पूजी गईं कूष्मांडा, मंदिरों में लगे मां के जयकारे

जागरण संवाददाता, मऊ : शारदीय नवरात्र के चौथे दिन घर-घर मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की गई। मंदिरों में सुबह से लेकर शाम तक मां के जयकारे लगते रहे। मंगलवार को शहर के शीतला धाम मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। शहर के अन्य देवी मंदिरों पर भी घंटा-घड़ियाल की गूंज से पूरा माहौल ही भक्तिमय नजर आ रहा है। मां के मंदिरों को सजाया गया है। धाूप-अगियारी से आस-पास का माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो गया है। मां के मंदिरों पर शाम को भव्य आरती भी हो रही है। मां की महिमा का हर कोई बखान करने से नहीं चूक रहा है। हालांकि इस वर्ष कहीं भी पूजा पंडाल स्थापित नहीं किए गए हैं। इसकी वजह से केवल मंदिरों में ही पूजन अर्चन की जा रही है। इसके अलावा घरों में कलश स्थापना कर लोग पूजन अर्चन कर रहे हैं।

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शीतला माता मंदिर के पुजारी दीपक महाराज ने बताया कि मंगलवार को ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी भगवती के चौथे स्वरुप मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की गई। मां की क्रांति और आभा सूर्य के समान हैं। जब सृष्टि नहीं थी तब देवी के कूष्मांडा स्वरुप ने ही सृष्टि का विस्तार किया। मां का यह स्वरुप अन्नपूर्णा का है। शांकुभरी रूप धर देवी ने शाक से धरती को पल्लवित किया और शताक्षी बनकर असुरों का संहार किया। यह प्रकृति और पर्यावरण की अधिष्ठात्री हैं। कूष्मांडा देवी की आधरा के बिना जप और ध्यान संपूर्ण नहीं होते। नवरात्र के चौथे दिन शाक-सब्जी और अन्न का दान फलदायी है। माता के इस रूप में तृप्ति और तुष्टि दोनो हैं। मंगलवार को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में मां के पूजन अर्चन की धूम रही। मां के मंदिरों पर सुबह से ही धूप, अगियारी व नारियल चढ़ाया जा रहा है। खासकर नौ दिन तक व्रत रहने वाले लोग सुबह शाम मां के मंदिर में शीश नवाकर कुशलता की विनती कर रहे हैं। मां वनदेवी धाम, शीतला माता मंदिर, आजमगढ़ मोड़ स्थित मां सिद्धेश्वरी मंदिर, फातिमा मोड़ तथा रोडवेज स्थित दुर्गा मंदिरों पर पूजा सामग्री की दुकानें भव्य रूप से सजाईं गई हैं। पूरा मंदिर परिसर ही गुलजार दिख रहा है। यहां शारीरिक दूरी का भरपूर ख्याल रखा गया है। मां की प्रतिमा से दूर ही लोग पूजन अर्चन कर रहे हैं। रस्सी बांधकर श्रद्धालुओं को एक-एक करके प्रवेश देकर मां का दर्शन कराया जा रहा है। नवरात्र माह में पूरा शहर ही भक्तिमय हो गया है।


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