Move to Jagran APP

शासनादेश दरकिनार कर टूटा 96 गांवों का रेशियो

बीते वित्तीय वर्ष 2019-20 में ग्राम पंचायतों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी में जमकर खेल किया। जहां बिना रोक-टोक प्राइवेट फर्मों को करोड़ों रुपये धड़ाधड़ भुगतान किए गए तो वहीं केंद्र सरकार के 6040 के रेशियो की भी धज्जियां उड़ाई गई। खुलेआम होती रही अनियमितता पर जब जिला प्रशासन ने मौन साध लिया तो दैनिक जागरण ने एक सप्ताह तक समाचारीय अभियान चलाकर प्रशासन-शासन को झकझोरा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 04:19 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 04:19 PM (IST)
शासनादेश दरकिनार कर टूटा 96 गांवों का रेशियो

जागरण संवाददाता, मऊ : बीते वित्तीय वर्ष 2019-20 में ग्राम पंचायतों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी में जमकर खेल किया। जहां बिना रोक-टोक प्राइवेट फर्मों को करोड़ों रुपये धड़ाधड़ भुगतान किए गए, तो वहीं केंद्र सरकार के 60:40 के रेशियो की भी धज्जियां उड़ाई गई। खुलेआम होती रही अनियमितता पर जब जिला प्रशासन ने मौन साध लिया तो दैनिक जागरण ने एक सप्ताह तक समाचारीय अभियान चलाकर प्रशासन-शासन को झकझोरा। जागरण की खबर का संज्ञान लेकर तत्कालीन आयुक्त ग्राम्य विकास उत्तर प्रदेश शासन के. रविद्र नायक ने 09 सितंबर 2019 को प्रदेश में शासनादेश जारी किया था कि अब प्रत्येक दशा में श्रम एवं सामग्री का रेशियो ग्राम पंचायतों पर तय होगा। आयुक्त ग्राम्य विकास के शासनादेश जारी करने के बाद भी बीते वित्तीय वर्ष में जनपद की 96 ग्राम पंचायतों में रेशियो तोड़कर मैटेरियल मद का भुगतान किया गया।

loksabha election banner

मनरेगा योजना के तहत पहले जिला स्तर पर रेशियो मेनटेन होता था। इसी का बहाना बनाकर ब्लाक प्रशासन ग्राम पंचायतों पर खुली रहमत बरसाते थे। रेशियो को तोड़ते हुए ग्राम पंचायतें खुली लूट करती थीं। बीते वर्ष अगस्त माह में जिला प्रशासन ने जमकर खेल हुआ। जनपद की लगभग 300 ग्राम पंचायतों में रेशियो तोड़ते हुए 16 करोड़ से अधिक रुपये पेमेंट किए गए। हालांकि जिला प्रशासन ने लंबा होमवर्क भी किया परंतु संबंधितों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

........

रानीपुर में शासनादेश नहीं, खुद का चलता है नियम

रानीपुर : हमेशा अपनी कारस्तानी को लेकर सुर्खियां बटोरने वाला जनपद का सबसे बड़े ब्लाक रानीपुर में शासनादेश से नहीं खुद के नियमों पर काम होता है। जो ग्राम पंचायतें अनियमित काम करती हैं, उन्हें ही ब्लाक प्रशासन अगले वर्ष पुरस्कृत करते हुए मालामाल करता है। बीते वर्ष यहां 67 ग्राम पंचायतों में रेशियो को ताोड़ते हुए धड़ाधड़ 6.5 करोड़ रुपये प्राइवेट फर्मों को दे दिए गए। जब मामला शासन तक पहुंचा तो आयुक्त ग्राम्य विकास ने आदेश भी जारी किए परंतु खंड विकास अधिकारी व कर्मचारी आयुक्त के शासनादेश को दरकिनार करते हुए खुद के नियम बना डाले। बीते वर्ष कुल 89 ग्राम पंचायतों में से 25 ग्राम पंचायतों में केंद्र सरकार के मानक को तार-तार कर रुपये लुटाए गए। जबकि 10 ग्राम पंचायतों को मैटेरियल मद में एक भी रुपये नहीं दिए गए। इन ग्राम पंचायतों में टूटा रेशियो

अकबरपुर, अल्देमऊ, अमरहट, अमारी, अस्सीभवन, बस्ती, चैनपुर, चकिया, चितबिसांव, दुर्जेपुर, एकडंगा, फतेहपुर, गोकुलपुरा, हाफिजपुर, काझा, कसारी, खानपुर, मनाजीत, मिर्जापुर अलीपुर, पलिया, रसूलपुर, सरसेना, सेमरी, सुल्तानीपुर, सुल्तानपुर।

...........

इन ग्राम पंचायतों को नहीं मिली फूटी कौड़ी

बसारतपुर, भवरेहाजीपुर, जमीन बुढ़ान, जसड़ा, कमालसेनपुर, महासो, पचिस्ता, पलिगढ़, रामपुर बखरिया, ताजपुर, तेंदुली, उमती।

................

वर्जन

60:40 का रेशियो तोड़ने वाली ग्राम पंचायतों की ब्लाकवार संख्या--

25 - रानीपुर

18 - दोहरीघाट

16 - बडरांव

15 - फतहपुर मंडाव

10 - घोसी

07 - परदहा

03 - रतनपुरा

02 - कोपागंज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.