सामूहिक विवाह के लाभार्थियों का सत्यापन शुरू
मधुबन नगर पंचायत के खेल मैदान पर बुधवार को आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पूर्व से विवाहित जोड़ों द्वारा अवैध रूप से योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी विवाह रचाने की खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होते ही प्रशासन हरकत में आ गया।
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय नगर पंचायत के खेल मैदान पर बुधवार को आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पूर्व से विवाहित जोड़ों द्वारा अवैध रूप से योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी विवाह रचाने की खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होते ही प्रशासन हरकत में आ गया। तंद्रा छोड़ जांच में जुट गया। प्रशासनिक टीमें योजना के लाभार्थियों के घर-घर पहुंचकर तस्दीक में जुट गईं तो योजना को पलीता लगाने वाले फर्जी लाभार्थियों में हड़कंप मच गया।
स्थानीय नगर पंचायत के खेल मैदान पर बुधवार को फतहपुर मंडाव, बड़रांव व दोहरीघाट विकास खंड द्वारा संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। देर शाम तक चले कार्यक्रम में कुल 209 विवाहित जोड़ों को गृहस्थी का सामान देकर विवाह संपन्न कराया गया। कार्यक्रम की तैयारी में समाज कल्याण विभाग काफी पहले से लगा था। विवाह के लिए योग्य वर-वधुओं का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था। बावजूद इसके एक दर्जन से अधिक पूर्व से विवाहित जोड़ों ने भी फर्जी तरीके से दुबारा सात फेरे लेकर सरकार द्वारा प्रदत्त गृहस्थी के सामान व उपहार प्राप्त कर लिया और मिलने वाली नकदी का जुगाड़ बना लिए। इनमें कुछ तो बाल-बच्चे वाले जोड़े भी शामिल थे। इस अनियमितता का संज्ञान लोगों द्वारा मौके पर ही जिम्मेदार अधिकारियों को देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले को जागरण द्वारा 21 नवंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। खबर प्रकाशित होते ही विभाग के साथ ही फर्जी लाभार्थियों में हड़कंप मच गया। विभाग द्वारा आनन-फानन में लाभार्थियों के सत्यापन के लिए कर्मचारियों को गांव-गांव भेजा जा रहा है। इनसेट-- होगी रिकवरी, दर्ज होगा मुकदमा
सूत्रों की मानें तो कई जोड़े सत्यापन में फर्जी मिले हैं। लाभार्थियों की जांच से फर्जीवाड़ा करने वालों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। वे ब्लाक मुख्यालय का चक्कर लगाते हुए अपने बचने की जुगत में लग गए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसमें फर्जी मिलने पर लाभार्थी के सामान और धन की रिकवरी के साथ ही गृहस्थी का सामान वापस लिया जाएगा। उनके विरुद्ध जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही इस फर्जीवाड़ा में शामिल कई गांवों के प्रधान और सेक्रेटरी भी जांच में फंस सकते हैं। सत्यापन पूरा होने तक बड़े पैमाने पर अनियमितता के उजागर होने की संभावना है।