गोरखपुर रूट पर रोडवेज की सेवाएं फेल, परेशानी
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जागरण संवाददाता, मऊ : फरवरी माह में गांव-गांव और नगर-नगर मांगलिक आयोजनों की धूम मची है। वैवाहिक समारोहों में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लगभग हर रूट पर यात्री निकल रहे हैं, बावजूद इसके गोरखपुर रूट पर बसों की संख्या बढ़ने का नाम नहीं ले रही है। इसके चलते यात्रियों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। सुबह 11 बजे के बाद बसें कम होने के चलते अक्सर लोगों को दो-दो तीन-तीन घंटे इंतजार करना पड़ जा रहा है। इससे रोडवेज प्रबंधन की व्यवस्था के खिलाफ रह-रहकर यात्रियों का आक्रोश भी फूट रहा है। गुरुवार को जब एआरएम ने एक दूसरे रूट के बस चालक को फटकार लगाकर किसी तरह गोरखपुर रूट पर भेजा तब जाकर यात्रियों का आक्रोश शांत हुआ।
वाराणसी व गोरखपुर रूट पर सबसे ज्यादा यात्रियों का दबाव है। मधुबन, मझवारा, चिरैयाकोट आदि क्षेत्रों की ओर जाने वाले यात्री तो शाम के बाद बसों के अभाव में रतजगा कर रहे हैं। यही नहीं, बसों के निर्धारित रूट से न चलने के कारण भी यात्रियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनों की भीड़ से बचने के लिए लोग रोडवेज बसों के प्राथमिकता दे रहे हैं, लेकिन यहां भी उन्हें कोई खास राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। रोडवेज पर आने के बाद गोरखपुर जाना हो या वाराणसी यात्रियों को कई-कई घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। बसों का इंतजाम न होने से आटो रिक्शा व मैजिक से सवारी ढोने वाले डग्गामार रोडवेज के सामने से ही यात्रियों से मुंहमांगी कीमत वसूलकर गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। वर्जन ..
सुबह 11 बजे के बाद दूसरे डिपो से आने वाली बसें ही गोरखपुर रूट पर जाती हैं। बसों के आने में विलंब होने पर समस्या दिखी। यात्रियों की संख्या अधिक होने पर बस उपलब्ध हुई तो तत्काल रूट पर भेजकर यात्रियों को सुविधा दी गई।
-वीएन त्रिपाठी, एआरएम, मऊ डिपो।