अपराजेय जीवनी शक्ति के कवि थे निराला
¨हदी साहित्य परिषद की ओर से शहर के ¨हदी भवन में महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान कवियों ने जहां उनकी रचनाओं को पढ़कर उन्हें याद किया वहीं, वक्ताओं ने कहा कि निराला के साहित्य में आमजन की पीड़ा सदैव मुखर होती रही। युवा कवि रवीश तिवारी ने निराला को विराट साहित्यिक व्यक्तित्व के रूप में याद किया।
जासं, मऊ : ¨हदी साहित्य परिषद की ओर से शहर के ¨हदी भवन में महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान कवियों ने जहां उनकी रचनाओं को पढ़कर उन्हें याद किया वहीं, वक्ताओं ने कहा कि निराला के साहित्य में आमजन की पीड़ा सदैव मुखर होती रही। युवा कवि रवीश तिवारी ने निराला को विराट साहित्यिक व्यक्तित्व के रूप में याद किया।
कहा कि नई पीढ़ी रचनाकारों को निराला की कृतियों से प्रेरणा लेनी चाहिए। सुशील अग्रवाल ने निराला की कविताओं जैसी कविता लिखने और सुनाने का नई पीढ़ी से आह्वान किया। डा.चंद्रप्रकाश ने निराला को अपराजेय जीवनी शक्ति का कवि बताया। डा. रामनिवास राय ने निराला और बसंत पर्व का महत्व बताते हुए भाषा प्रदूषण की ¨चता को रेखांकित किया। अध्यक्षता करते हुए डा.श्रीनाथ खत्री ने निराला के व्यक्तित्व को अनूठा बताया। संचालन डा.कमलेश राय ने किया एवं शुभारंभ विशाल पांडेय की सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर पवन खंडेलवाल, शमीम अहमद, पंकज उपाध्याय आदि उपस्थित थे।