दो किस्तें आने के बाद भी नहीं बनवाया घर, हजारों को नोटिस
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जनपद के कुल लक्ष्य के मात्र दो फीसदी ही ।
जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जनपद के कुल लक्ष्य के मात्र दो फीसदी ही आवास धरातल पर उतर पाए हैं। इसमें जहां लोगों की सरकारी योजनाओं के प्रति सोच बाधक बना है तो वहीं कमरतोड़ महंगाई भी कम बाधक नहीं है। कोरोना काल के चलते ईंट, सीमेंट, बालू, गिट्टी आदि बिल्डिग मैटेरियल की कम उपलब्धता के चलते दाम दोगुने हो गए। इससे हाल यह रहा कि कहीं आवास ही नहीं बने तो कहीं पक्की छत लदवाने के बजाय कटरेन ही लाभार्थियों ने रख दिया। अब जब मानीटरिग शुरू हुई तो प्रगति अत्यंत खराब मिली। इस पर आवास पूर्ण नहीं कराने वाले हजारों लाभार्थियों को नोटिस जारी किया गया है।
कोरोना की दूसरी लहर के पूर्व फरवरी-मार्च माह में प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की धनराशि गरीबों के खाते में हस्तांतरित की गई थी। इसके ठीक बाद दूसरी लहर ने पूरे देश को चपेट में ले लिया। इसके चलते पूरी कार्यप्रणाली ही मानो ठप हो गई। कोरोना को लेकर लगे प्रतिबंध के चलते बिल्डिग के दाम आसमान छूने लगे। किसी तरह अधिकतर लाभार्थियों ने 40 हजार की पहली किस्त के बदले आवास की नींव जोड़वा लिया परंतु 70 हजार की दूसरी किश्त से आवास को पूर्ण नहीं कराया। इसमें अधिकतर लाभार्थियों ने शार्टकट फार्मूला अपनाते हुए आवास पर पक्की छत लदवाने के बजाय कटरेन रखकर इतिश्री कर लिया गया। जैसे ही प्रशासनिक मशीनरी कोरोना व पंचायत चुनाव से मुक्त हुई कि आवास की मानिटरिग शुरू की। इसमें हजारों की तादाद में आवास ऐसे मिले जो दो किस्तों के रूप में 1.10 की धनराशि खाते में लेने के बाद भी आवास को पूर्ण नहीं कराए। अब ऐसे लाभार्थियों को ब्लाक मुख्यालयों की तरफ से नोटिस जारी किया गया है। प्वाइंटर--
11039 - कुल लक्ष्य
10984 - प्रथम किस्त
10405 - द्वितीय किस्त
3538 - तृतीय किस्त
224 - आवास पूर्ण वर्जन--
पात्रता सूची से वंचित गरीबों को प्रधानमंत्री आवास की धनराशि दे दी गई है। आवास निर्माण में बड़े पैमाने पर लापरवाही उजागर हुई है। इसके लिए सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे मानीटरिग करें और जल्द आवास को पूर्ण कराएं।
- रामसिंह, वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी।