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राष्ट्रीय लोक अदालत में 2549 वाद निस्तारित

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को दीवानी कचहरी में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला जज मुकेश मिश्रा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस दौरान विभिन्न प्रकृति के 2549 वादों का निस्तारण करते हुए आठ लाख

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 06:51 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:09 AM (IST)
राष्ट्रीय लोक अदालत में 2549 वाद निस्तारित
राष्ट्रीय लोक अदालत में 2549 वाद निस्तारित

जागरण संवाददाता, मऊ : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को दीवानी कचहरी में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला जज मुकेश मिश्रा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस दौरान विभिन्न प्रकृति के 2549 वादों का निस्तारण करते हुए आठ लाख, 88 हजार, 940 रुपया अर्थदंड जमा कराया गया। वहीं वाहन दुर्घटना के 21 मामलों में 62 लाख, 12 हजार, 500 रुपये क्षतिपूर्ति दिलाई गई।

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यह जानकारी देते हुए प्राधिकरण के सचिव शुभम वर्मा ने बताया कि जिला जज मुकेश मिश्रा ने 10 मामलों का निस्तारण किया। इसमें वाहन दुर्घटना के आठ मामलों का निस्तारण करते हुए 32 लाख, 80 हजार रुपया क्षतिपूर्ति दिलाया। अपर जिला जज आदिल आफताब अहमद ने नौ मामलों का निस्तारण किया। इसमें वाहन दुर्घटना के पांच मामलों में दस लाख, 70 हजार रुपया क्षतिपूर्ति दिलाया। एडीजे कोर्ट नंबर तीन मुहम्मद गजाली ने सात मामलों का निस्तारण करते हुए वाहन दुर्घटना के एक मामले में एक लाख रूपया क्षतिपूर्ति दिलाया। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट बुद्धिसागर मिश्रा ने दो मामलों का निस्तारण किया। एडीजे कोर्ट नंबर दो सुरेश कुमार गुप्ता ने 15 मामलों का निस्तारण किया। इसमें वाहन दुर्घटना के तीन मामलों में दस लाख, 37 हजार रूपया क्षतिपूर्ति दिलाया। एडीजे कोर्ट नंबर चार शबिह जेहरा ने दस मामलो का निस्तारण किया। इसमें विद्युत एक्ट के सात मामलों में 10 हजार, 140 रुपया अर्थदंड जमा कराया। एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक रामराज ने छह मामलों का निस्तारण करते हुए वाहन दुर्घटना के चार मामले में सात लाख, 25 हजार रुपया क्षतिपूर्ति दिलाया। एडीजे कोर्ट नंबर पांच राम अवतार प्रसाद ने एक मामले का निस्तारण किया। एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो आशिफ इकबाल रिजवी ने एक मामले का निस्तारण किया। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय लालचंद गुप्ता ने 50, आराधना रानी ने 44 और फूलचंद पटेल ने 21 मामलों का निस्तारण किया। सीजेएम विनोद शर्मा ने 1351 वादों का निस्तारण करते हुए आठ लाख, पांच हजार, 500 रूपया अर्थदंड जमा कराया। सिविल जज सीनियर डिवीजन शुभम वर्मा ने 17 मामलों का निस्तारण किया। मुंसिफ सदर सत्यवीर सिंह ने 38 मामलों का निस्तारण किया। जेएम न्यायधीश पंकज ने 336 मामलों का निस्तारण करते हुए 73 हजार, 300 रुपया अर्थदंड जमा कराया। मुंसिफ मुहम्मदाबाद गोहना ने बलवंत भारती ने 32 मामलों का निस्तारण किया। इस दौरान राजस्व का 314, बीएसएनएल के 37, बैंकों के 247 मामलों का निस्तारण हुआ।


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