बालश्रम कुप्रथा को रोकने के लिए दिए टिप्स
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर शनिवार को श्रम मंत्री।
जागरण संवाददाता, मऊ : अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर शनिवार को श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, अपर मुख्य सचिव श्रम एवं श्रमायुक्त उप्र तथा यूनिसेफ की स्टेट हेड रुथ एल लियानो वर्चुवल बैठक के माध्यम से जनपद स्तर पर आयोजित कार्यक्रम से जुड़े। इस दौरान बालश्रम की कुप्रथा को रोकने के लिए श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर बाल श्रमिक रखने वाले दुकानदारों तथा उद्योगों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर चर्चा की गई।
इस दौरान कहा गया कि बालश्रम रोकने के उद्देश्य से सरकार द्वारा बाल श्रमिक विद्या योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत आठ से 18 वर्ष के वे बालक-बालिका जो परिवार की विपन्न आर्थिक स्थिति के वजह से पढ़ाई छोड़ कर बाल श्रमिक के रूप में कार्य करने हेतु बाध्य है। जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है अथवा दिव्यांग होने के कारण परिवार में आय का कोई स्त्रोत नहीं है। परिवार भूमिहीन है एवं परिवार की मुखिया माता है। ऐसे परिवारों के बच्चों को बाल श्रमिक विद्या योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत आठ से 18 वर्ष के बालकों को शिक्षा जारी रखने के लिए 1000 रुपये प्रति माह तथा बालिकाओं को 1200 रुपये प्रति माह आर्थिक सहायता दी जाती है। साथ ही साथ कक्षा आठवीं, नौवीं व दसवीं पास करने पर एक मुश्त 6000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। श्रम प्रवर्तन अधिकारी धीरज सिंह ने बताया की बालश्रम कराना अपराध है तथा दोषी पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। साथ ही साथ यह अपील की पात्र लाभार्थी बाल श्रमिक विद्या योजना का लाभ लेने के लिए कलेक्ट्रेट स्थित श्रम विभाग के कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।