गड्ढामुक्ति के दावे को मुंह चिढ़ा रहा तिनहरी-सोनभरिया मार्ग
प्रदेश सरकार के निर्देश पर सड़कों को गड्ढामुक्त करने का फरमान धरातल पर कितना कारगर दिखाई पड़ रहा है, इसका उदाहरण स्थानीय तहसील क्षेत्र में स्थित संपर्क मार्गों को देखकर लगाया जा सकता है। कुछ सड़कों को कागज में गड्ढामुक्त करके बोर्ड लगा दिया गया है तो कुछ का पुरसाहाल लेने वाला ही कोई नहीं है। यह हाल तब है जबकि स्थानीय विधानसभा क्षेत्र से विधायक दारा ¨सह चौहान प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : प्रदेश सरकार के निर्देश पर सड़कों को गड्ढामुक्त करने का फरमान धरातल पर कितना कारगर दिखाई पड़ रहा है, इसका उदाहरण स्थानीय तहसील क्षेत्र में स्थित संपर्क मार्गों को देखकर लगाया जा सकता है। कुछ सड़कों को कागज में गड्ढामुक्त करके बोर्ड लगा दिया गया है तो कुछ का पुरसाहाल लेने वाला ही कोई नहीं है। यह हाल तब है जबकि स्थानीय विधानसभा क्षेत्र से विधायक दारा ¨सह चौहान प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
स्थानीय तहसील क्षेत्र के बहरामपुर से कुसंडा तक जाने वाले संपर्क मार्ग पर मरम्मत के लिए वर्षों से गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों ने कई बार आवाज उठाई लेकिन विभाग द्वारा मरम्मत की कौन कहे, गिट्टी को भी बराबर कराने की जहमत नहीं उठाई गई। अलबत्ता गड्ढामुक्त सड़क का बोर्ड अवश्य लगा दिया। इसी प्रकार अहिरौली से लालनपुर जाने वाली सड़क के निर्माण के लिए लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया। अब पिच कब होगा, इसको बताने वाला कोई नहीं है। इसी प्रकार क्षेत्र के तिनहरी से सोनभरिया जाने वाले संपर्क मार्ग पर एक किलोमीटर के लगभग सड़क को कई वर्ष पूर्व पिच किया गया था। वह मरम्मत के अभाव में पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गया है। बाइक की कौन कहे, इस पर चलने में साइकिल सवार भी घबराता है। ग्रामीणों द्वारा इस सड़क के मरम्मत हेतु कई जनप्रतिनिधियों के साथ ही सत्ताधारी दल के नेताओं के यहां गुहार लगाई गई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात निकला। अब तो ग्रामीणों ने सड़क मरम्मत की पैरवी करना भी बंद कर दिया है। कहते हैं जब नसीब में होगा तो सड़क की मरम्मत हो जाएगी।