विद्युत उपकेंद्र की दीवार गिरी, दबकर बालक की मौत
तहसील क्षेत्र के सिपाह इब्राहिमाबाद स्थित विद्युत उपकेंद्र के आवासीय भवन की जर्जर दीवार ढहने से उसमें आठ वर्ष के एक बालक की दबकर मौत हो गई। जबकि दो बच्चियां गंभीर रूप से घायल हो गईं।
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय तहसील क्षेत्र के सिपाह इब्राहिमाबाद स्थित विद्युत उपकेंद्र के आवासीय भवन की जर्जर दीवार ढहने से उसमें आठ वर्ष के एक बालक की दबकर मौत हो गई। जबकि दो बच्चियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसा रविवार की सुबह हुआ। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने लगभग एक बजे मधुबन घोसी मार्ग पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी निरंकार ¨सह व प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार पाठक ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया, तब जाकर एक घंटे बाद जाम हटा। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जनपद के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के नसोपुर निवासी फुन्नी यादव सिपाह इब्राहिमाबाद स्थित विद्युत उपकेंद्र में कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र नंदलाल यादव बिजली विभाग में काम करने लगे। लगभग चार वर्ष पूर्व बिजली दुर्घटना में नंदलाल यादव की मौत हो जाने के बाद उसकी विधवा ¨सधु देवी अपने इकलौते पुत्र अनीस के साथ उपकेंद्र के जर्जर आवास में रहते हुए विभाग में नौकरी के लिए कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है। रविवार की सुबह उसका इकलौता पुत्र अनीस बगल की दो बच्चियों खुशी पुत्री अशोक व खुशी पुत्री प्रदीप के साथ जर्जर दीवार के किनारे खेल रहा था। इसी बीच जर्जर दीवार ढह गई। उसमें दबकर अनीस की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दोनों बच्चियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनको इलाज हेतु अस्पताल भेजवाया गया। मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार पाठक आवश्यक कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने की तैयारी में थे कि इसी बीच सदस्य जिला पंचायत अवधेश बागी पहुंच गए। विधवा को तत्काल नौकरी, मुआवजा की मांग को लेकर ग्रामीणों के साथ जाम लगा दिए। पुलिस द्वारा जाम खुलवाने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद एसडीएम मौके पर पहुंचे और विधवा आवासीय पट्टा देने तथा मुआवजा और नौकरी में हरसंभव मदद करने का भरोसा देकर जाम समाप्त कराया। इनसेट--
टूट गया ¨सधु का आसरा
पति की मौत के बाद अपने भाई के सहयोग से नंदलाल की विधवा अपने पुत्र को लेकर इस आस में जीवन गुजार रही थी कि एक दिन इकलौता पुत्र उसका सहारा बनेगा लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। काल की क्रूर नीयति ने पति के बाद उसके पुत्र को भी छीनकर उसे बेसहारा बना दिया।