अन्याय के खिलाफ सरहद पार तक गई यतींद्र की आवाज
जागरण संवाददाता, मऊ : परदहां विकास खंड के इमिलियाडीह गांव में जन्म लेने वाले यतींद्र पति पां
जागरण संवाददाता, मऊ : परदहां विकास खंड के इमिलियाडीह गांव में जन्म लेने वाले यतींद्र पति पांडेय ने कम उम्र में ही अन्याय के खिलाफ लड़ना शुरू कर दिया। मुहम्मदाबाद गोहना के सरस्वती शिशु मंदिर की छात्र सभा में पदाधिकारी बनते ही यतींद्र ने पीड़ितों की आवाज उठाना शुरू कर दिया। बात चाहें इंसानों की हो या बेजुबानों की, यतींद्र किसी भी पीड़ा नहीं देख सकते। कम उम्र में ही यतींद्र न सिर्फ काशी ¨हदू विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय पदाधिकारी बने, बल्कि कई छात्र आंदोलनों के सारथी बने। कभी विदेशी छात्रों के हक की लड़ाई को स्वर दिया तो कभी नेपाली छात्रों को अधिकार दिलाने के लिए आवाज उठाया।
काशी ¨हदू विश्वविद्यालय से प्रयोजनमूलक पत्रकारिता में स्नातकोत्तर एवं वर्तमान में शोध विद्यार्थी यतींद्र का मूल मंत्र है कि बिना किसी की मदद किए जीवन का एक दिन भी गुजरा तो बेकार है। कुत्तों के हाल ही में उन्होंने मुहम्मदाबाद गोहना व वलीदपुर में एक रोटी बैंक की स्थापना कराई जो धीरे-धीरे कई मुहल्लों व कस्बों में फैल रहा है। किन्नरों को सम्मानजनक जीवन एवं समाज की मुख्यधारा में कदम से कदम मिलाकर चलने का अवसर देने के लिए वह अभी भी लड़ाई लड़ रहे हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार से यतींद्र चाहते हैं कि एक किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन हो। वहीं, भारत में रह रहे नेपाली नागरिकों को जो अपनी जान हथेली पर रखकर नगरों व कस्बों में रात के समय सुरक्षा की कमान संभालते हैं उनके लिए आवाज उठाई है। कई नेपाली नागिरकों का इलाज कराना, मृत्यु की दशा में नेपाल जाकर उन्हें उनके घर तक छोड़ने सहित दर्जनों पीड़ितों को अपना खून देकर ¨जदगी लौटाने की कोशिश की है। हाल ही में एक मजदूर की बच्ची गायब हुई थी और कोई नहीं सुन रहा था तो उन्होंने डीएम से लेकर सीएम तक आवाज उठाया और पुलिस की सक्रियता से मजदूर की बच्ची वापस मिल गई। डा.मुरली मनोहर जोशी हों या फिर वरुण गांधी सबने इनके काम से प्रभावित होकर इनकी पीठ कई बार थपथपाई है। यतींद्र कहते हैं कि किसी को इंसाफ दिलाने से बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती। यतींद्र के पिता डा. प्रवीण पति पांडेय चिकित्सक तथा माता रीता त्रिपाठी उच्च प्राथमिक स्कूल मुहम्मदाबाद गोहना में प्रधानाध्यापिका हैं।