एक्सप्रेस-वे के पूर्व जीएम समेत तीन की जमानत अर्जी खारिज
पद का दुरुपयोग करते हुए जालसाजी कर सरकारी संपत्ति गायब करने और कंपनी के कर्मचारियों को धमकी देकर काम बंद कराने के मामले में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण में लगी कंपनी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट के पूर्व जीएम समेत दो अन्य आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज हो गई।
जागरण संवाददाता, मऊ : पद का दुरुपयोग करते हुए जालसाजी कर सरकारी संपत्ति गायब करने और कंपनी के कर्मचारियों को धमकी देकर काम बंद कराने के मामले में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण में लगी कंपनी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट के पूर्व जीएम समेत दो अन्य आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज हो गई। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट बुद्धिसागर मिश्र ने मामले को गंभीर पाते हुए यह निर्णय दिया।
मामला कोतवाली मुहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र का है। सिक्सलेन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण में लगी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी के सहायक महाप्रबंधक विकास त्यागी ने मुकदमा दर्ज कराया कि उनकी कंपनी के महाप्रबंधक निरंजन परेडा ने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है। पद का दुरुपयोग करते हुए एक फर्जी कंपनी बनाकर उसके माध्यम से नाजायज लाभ लिया तथा कंपनी के स्वामित्व के लगभग डेढ़ करोड़ रुपयों के शटरिग आदि सामानों को गायब कर दिया। जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के सामान को अपनी दूसरी फर्जी कंपनी में लगाकर उसके माध्यम से नाजायज धनउगाही करते रहे। यही नहीं कंपनी के कर्मचारियों को डरा धमकाकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम बंद करा दिया। इस मामले में दो अन्य आरोपितों चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के विशुनपुर सवना गांव निवासी चंदन दुबे और द्वारिकापुर गांव निवासी सुधीर दुबे की ओर से भी जमानत के लिए अर्जी दी गई। उसे भी सुनवाई के बाद खारिज कर दिया गया। न्यायाधीश ने यह आदेश बचाव पक्ष और विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्रनाथ राय के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पारित किया।