बाल व नाखून को छोड़कर किसी भी अंग में हो सकती है टीबी
बाल व नाखून को छोड़कर किसी भी अंग में हो सकती है टीबी
बाल व नाखून को छोड़कर किसी भी अंग में हो सकती है टीबी
जागरण संवाददाता, मऊ : टीबी रोग को लेकर एक सामान्य अवधारणा है कि यह फेफड़े तक ही सीमित रहती है, लेकिन यह रोग बाल व नाखून को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। सरकार की ओर से मरीजों को इलाज के साथ पौष्टिक आहार के लिए पैसा दिया जा रहा है। लोगों में इस रोग को लेकर जागरूकता बढ़ने से अब यह आंकड़ा एक लाख की आबादी पर 193 है। रोग के लक्षण मिलने के दौरान ही जांच होने पर नियमित उपचार से रोग से मुक्ति मिल सकती है। बुधवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एसपी अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2025 तक इससे मुक्ति पाया जा सकता है। प्रिवेंटिव टीबी मरीजों के लिए सितंबर से अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में कुछ लोगों ने सवाल-जवाब पेश किया। प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश...
सवाल : दो माह से खांसी आ रही है, क्या करें।
जवाब : यह एक प्रकार की एलर्जी है। किसी चेस्ट फिजीशियन से परामर्श लेकर नियमित उपचार करें। पूरी तरह लाभ होगा। इस तरह की खांसी टीबी नहीं होती है।
सवाल : टीबी रोग के प्रमुख लक्षण क्या है।
जवाब : दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आने के साथ बुखार व तेजी से वजन का कम होना टीबी रोग का प्रमुख लक्षण है। खांसी के दौरान बलगम से खून आना भी रोग का लक्षण है।
सवाल : टीबी रोग की जांच कैसे होती है।
जवाब : माइक्रोस्कोप से पहली जांच होती है। पाजिटिव आने पर सीबीनाट की जांच होती है। इसके बाद एमडीआर की जांच फिर एक्सडीआर जांच होती है। इसे तीसरे चरण की टीबी कहा जाता है। इसके लक्षण मिलने पर बेडाक्वीलिन नामक दवा दी जाती है।
सवाल : टीबी रोग की दवा कितने दिन तक करना अनिवार्य होता है।
जवाब : तीन प्रकार की टीबी होती है। पहले प्रकार की टीबी होने पर छह माह, एमडीआर टीबी होने पर नौ से 11 माह, एक्सडीआर टीबी होने पर 18 माह तक दवा की जाती है। सभी मरीजों की पुष्टि होने के बाद से मरीज के सही होने तक निश्चय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह पांच सौ रुपये उसके बैंक खाते में दिया जाता है।
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इन्होंने पूछे सवाल
राजीव मल्ल, रामाकांत शर्मा, हरीश, बबलू, प्रमोद, रामअवध, विजय, केदारनाथ, दुलारी देवी, मो.शमशाद, कलावती देवी आदि।