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बढ़ाव पर तमसा, निशाने पर शहर

बीते सप्ताह हुई मूसलाधार बारिश से शहर में बह रही तमसा नदी में बाढ़ सा मंजर दिखने लगा। सोमवार को लोगों को बारिश से राहत मिली परंतु तमसा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। शहर के सभी 11 रेगुलेटरों पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि नदी के पानी की स्थिति अभी नालों में उल्टे भरने की नहीं है फिर भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। रेगुलेटरों की लगातार मानिटरिग की जा रही है। देर शाम तक 07 मिलीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। मैदानी इलाकों में बारिश के चलते तमसा के साथ ही छोटी नदियां भैंसही लेढ़ही तथा मंगई नदी भी उफना गई है। उधर घाघरा के जलस्तर में घटाव देख लोगों ने राहत की सांस लिया है। अब कटान का अंदेशा जताया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 05:32 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 01:24 AM (IST)
बढ़ाव पर तमसा, निशाने पर शहर
बढ़ाव पर तमसा, निशाने पर शहर

जागरण संवाददाता, मऊ : बीते सप्ताह हुई मूसलधार बारिश से शहर में बह रही तमसा नदी में बाढ़ सा मंजर दिखने लगा। सोमवार को लोगों को बारिश से राहत मिली, परंतु तमसा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। शहर के सभी 11 रेग्युलेटरों पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि नदी के पानी की स्थिति अभी नालों में उल्टे भरने की नहीं है फिर भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। रेग्युलेटरों की लगातार मानीटरिग की जा रही है। देर शाम तक सात मिलीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। मैदानी इलाकों में बारिश के चलते तमसा के साथ ही छोटी नदियां भैंसही, लेढ़ई तथा मंगई नदी भी उफना गई है। उधर घाघरा के जलस्तर में घटाव देख लोगों ने राहत की सांस ली है। अब कटान का अंदेशा जताया जा रहा है।

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जुलाई माह में मूसलधार बारिश के बाद सितंबर माह में एक बार फिर तमसा उफान पर है। मैदानी इलाकों में हुई झमाझम बारिश से तमसा सहित भैंसही व लेढ़ही व मंगई नदियों ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया है। इससे उफनाई नदियों का पानी अब गांवों की तरफ बढ़ने लगा है। वहीं इस बारिश से घाघरा के जलस्तर में मामूली वृद्धि हुई है। हालांकि अभी तमसा व घाघरा अपने खतरा बिदु से नीचे ही उफान मार रही हैं। अगर एक-दो दिन तक और बारिश का सिलसिला चलता रहा तो तमसा का पानी स्थानीय शहर के निचले मुहल्लों में घुस सकता है।

जनपद में घाघरा व तमसा बड़ी नदियों में शुमार हैं, जबकि भैंसही, लेढ़ही व गाजीपुर-मऊ के बार्डर पर बहने वाली मंगई छोटी नदियां हैं। इसमें घाघरा नदी का जलस्तर पहाड़ों पर हुई बारिश या नेपाल से पानी छोड़े जाने पर निर्भर करता है। अधिकांशत: नेपाल व उत्तराखंड द्वारा छोड़े गए पानी से इस नदी में बाढ़ के हालात उत्पन्न होते हैं। वहीं तमसा नदी पूर्णत: मैदानी इलाकों में हुई बारिश पर निर्भर करती है। पिछले पांच दिन से हो रही लगातार मूसलधार बारिश के चलते तमसा भी उफना गई है। इसके जलस्तर में बढ़ाव के क्रम का आलम यह रहा कि शनिवार को 10 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से नदी बढ़ रही थी। राहत की बात रही कि रविवार को इसके वेग में थोड़ा ठहराव आया और नदी आधा सेंमी प्रतिघंटा के हिसाब से बढ़ रही थी। सोमवार को भी बढ़ाव का क्रम जारी रहा और नदी के वेग में सात मिलीमीटर वृद्धि दर्ज की गई। वहीं मुहम्मदाबाद गोहना व आंशिक सदर तहसील में बहने वाली भैंसही ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया है। इसके कारण मालव, देवरिया, सुल्तानीपुर, अकबरपुर आदि दर्जनों गांव की फसल पानी में जलमग्न हो गई। पानी का जलस्तर धीरे-धीरे गांवों की ओर बढ़ने लगा। यही हाल लेढ़ई नदी का भी रहा। बार्डर पर बहने वाली मंगई नदी के चलते जसड़ा, पचिस्ता आदि गांव भी चपेट में हैं। घाघरा

गौरीशंकर घाट पर खतरा बिदु 69.90 मीटर के सापेक्ष 69.07 मीटर जलस्तर।

तमसा

पीडब्ल्यूडी के भीटी पुल पर खतरा बिदु 67.36 मीटर के सापेक्ष 65.50 मीटर जलस्तर।


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