पर्यटन के मानचित्र पर जगमगाएंगे सूर्यमंदिर, सीताकुंड व पांती
वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश के पर्यटन मानचित्र में नहुष नगरी घोसी परदहा ब्लाक के उमापुर वजीरपट्टी का विश्वनाथ घाट देवलास का सूर्य मंदिर और मधुबन के पाती का शिवमंदिर अंकित होगा।
विनय मिश्र, मधुबन (मऊ) :
वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश के पर्यटन मानचित्र में नहुष नगरी घोसी, परदहा ब्लाक के उमापुर वजीरपट्टी का विश्वनाथ घाट, देवलास का सूर्य मंदिर और मधुबन के पाती का शिवमंदिर अंकित होगा। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजनांतर्गत इन स्थलों का चयन किया गया है। इन सब स्थानों पर लगभग 50 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। पर्यटन विभाग ने इनके विकास के लिए धन भी स्वीकृत कर दिया है।
इस संबंध में बीते दिनों जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में संबंधित उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण कर लें कि प्रस्तावित योजनाओं पर कहीं कोई विवाद तो नहीं है।
मंगलवार को कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज के अवर अभियंता के साथ उपजिलाधिकारी लालबाबू दूबे ने शिवपुरी पांती स्थित दिव्य ज्योति जटाधारी शिव मंदिर का स्थलीय निरीक्षण किया। मधुबन पांती शिवमंदिर के लिए 49.27 लाख, सीताकुंड के विकास के लिए 49.61 लाख, देवलास सूर्य मंदिर के लिए 49.84 लाख तथा मऊ के उमापुर वजीरपुर में विश्वनाथ घाट के विकास के लिए 48.49 लाख रुपये स्वीकृत किया गया है।
कार्यदायी संस्था के अवर अभियंता कमलेश चौहान ने बताया कि शिवपुरी पांती स्थित दिव्य ज्योति जटाधारी शिवमंदिर के जीर्णोद्धार के साथ ही यहां धर्मशाला का निर्माण कराया जाएगा। शौचालय व पेयजल की समुचित व्यवस्था होगी। इस दौरान सर्वजीत मल्ल, प्रविद मल्ल, ओमप्रकाश मल्ल, अरविद पांडेय भी उपस्थित थे।