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सूर्यदेव बढ़ी तल्खी, झुलस रहे चेहरे

घोसी (मऊ) बीते सप्ताह मौसम का मिजाज ऐसा रहा कि सावन-भादों का एहसास हो रहा था। अचानक दो दिनों से मौसम ने ऐसा रूख बदला है कि दोपहर 12 बजे पारा 44 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा पहुंचा। हालांकि तीन बजे जिले के कुछ स्थानों पर 45 डिग्री तक तापमान रिकार्ड किया गया। भयावह तापमान के बीच लू ऐसी चल रही है कि लॉकडाउन स्वत सफल हो रहा है। बुधवार को अधिकतम पारा 44 डिग्री सेंटीग्रेड तो न्यूनतम 2

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 07:04 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:02 AM (IST)
सूर्यदेव बढ़ी तल्खी, झुलस रहे चेहरे
सूर्यदेव बढ़ी तल्खी, झुलस रहे चेहरे

-जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : बीते सप्ताह मौसम का मिजाज ऐसा रहा कि सावन-भादों का अहसास हो रहा था। अचानक दो दिनों से मौसम ने ऐसा रूख बदला है कि दोपहर 12 बजे पारा 44 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा पहुंचा। हालांकि तीन बजे जिले के कुछ स्थानों पर 45 डिग्री तक तापमान रिकार्ड किया गया। भयावह तापमान के बीच लू ऐसी चल रही है कि लॉकडाउन स्वत: सफल हो रहा है। बुधवार को अधिकतम पारा 44 डिग्री सेंटीग्रेड तो न्यूनतम 28 डिग्री सेंटीग्रेड रिकार्ड किया गया। हालात यह रही कि सूर्यदेव की तपिश से सभी के चेहरे झुलस जा रहे थे।

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मौसम में अचानक हुए परिवर्तन ने प्रशासन का कार्य आसान कर दिया है। कभी पुलिस लाठी लेकर लॉकडाउन का पालन कराने को सड़क पर निकलती थी। तो लोग शार्टकट निकाल कर कानून एवं अनुनय दोनों ही तोड़ने में शान समझते थे। अब तापमान में अचानक वृद्धि एवं भयंकर लू ने वह कर दिखाया है जो पुलिस न कर सकी। लोग लू एवं गरमी से बचने को स्वयं घरों में कैद रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं। सोमवार को ईद के बावजूद लोगों ने घर में रहकर इसका प्रमाण दिया। अत्यंत आवश्यक कार्य होने पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। निकलने के पूर्व पूरी सावधानी भी बरत रहे हैं। चेहरे पर मास्क हो या न हो पर गमछा से सिर से लेकर चेहरा तक ढक कर निकलते हैं। मौसम वैज्ञानिक आगामी तीन दिनों तक तापमान का रूख ऐसा ही बने रहने की भविष्यवाणी कर उम्मीदों पर पानी फेर रहे हैं। मंगलवार को भी मौसम के तेवर गरम रहा। बहरहाल तापमान में इस वृद्धि से धान की नर्सरी एवं हरी सब्जियां प्रभावित हैं। कृषि विभाग ने तापमान के मद्देनजर किसानों को शाम को ही धान की नर्सरी की हल्की सिचाई करने की सलाह दी है। विभाग की सलाह है कि पानी इतना ही रहे कि सुबह तक सूख जाए। अधिक पानी होने पर दोपहर में तापमान बढ़ने पर धान की सुकोमल नर्सरी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है। सब्जियों की भी सिचाई शाम को ही करना उचित रहेगा।


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