समर के दिल में छेद का हुआ सफल इलाज
शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत जन्म से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों को जन्मजात विकृतियों एवं अन्य बीमारियों से बचाने के लिए निश्शुल्क इलाज की सुविधा जनपद सहित पूरे प्रदेश में प्रदान की जा रही है।
जागरण संवाददाता, मऊ : जन्म के समय से ही दिल में छेद रहने से परेशान समर (4.5 वर्ष)का सफल आपरेशन निश्शुल्क इलाज से संपन्न होने पर उसके परिजनों में हर्ष का माहौल है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि फतेहपुर मंडाव ब्लाक के अंतर्गत अगस्त माह में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनीता गुप्ता और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम जांच के लिए आंगनबाड़ी केंद्र एवं सरकारी स्कूलों में प्लान अनुसार भ्रमण कर जांच कर रही थी। उसी दौरान हरियांव गांव के अजय कुमार के इकलौते बेटे समर को लक्षण के आधार पर संभावित 'दिल में छेद' के लिए चिह्नित किया गया। इसके बाद टीम ने समर को जिला अस्पताल ले जाकर पूरी जांच की। जांच के बाद उसके दिल में छेद होने की पुष्टि हो गई। आरबीएसके के सहयोग से समर को इलाज के लिए अलीगढ़ मेडिकल कालेज भेजा गया जहां सीनियर कार्डिक सर्जन डा. आजम ने समर का सफलतापूर्वक इलाज किया। इलाज के बाद वह देखरेख में रहा और अब समर पूरी तरह से स्वस्थ है।
समर की मां माया देवी ने बताया कि जब समर पैदा हुआ था तब से वह बीमार ही रहता था। जब निजी अस्पताल से पूछा तो डाक्टर ने समर के दिल में छेद होने की बात कही। डाक्टर ने बताया कि इसके इलाज में तीन लाख रुपये का खर्च आएगा। इतने अधिक रुपये सुनकर वह बहुत अधिक परेशान हो गई क्योंकि उनकी घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।