हर विद्यालय में हो उपचारात्मक शिक्षा की व्यवस्था
हर विद्यालय में हो उपचारात्मक शिक्षा की व्यवस्था
हर विद्यालय में हो उपचारात्मक शिक्षा की व्यवस्था
जागरण संवाददाता, मऊ : विद्यार्थियों के कल्याण के लिए लागू की गई सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रत्येक विद्यार्थी और उसके अभिभावक को होनी चाहिए। विद्यालय में होने वाली प्रार्थना सभाओं व शिक्षक-अभिभावक बैठकों के दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, मिशन शक्ति, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना, छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना, इंस्पायर्ड अवार्ड, प्रोजेक्ट अलंकार, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान आदि योजनाओं के प्रति अभिभावकों व छात्रों को जागरूक करना प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी होगी। यह बातें डीएम अरुण कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रधानाचार्यों व शिक्षाधिकारियों की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि छात्र हित में तैयार की गई योजनाओं के प्रति अभिभावकों और छात्रों को प्रधानाचार्य जागरूक करें। विद्यालयों में अधिक से अधिक नामांकन के साथ ही छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। एक जुलाई को विद्यालय खुलने से पहले डीएम ने 30 जून तक विद्यालय की सफाई कराने का निर्देश दिया। कमजोर छात्रों के लिए हर विद्यालय में उपचारात्मक शिक्षा की व्यवस्था के तहत उन्हें एक घंटे का अतिरिक्त समय देकर विषय पर पकड़ मजबूत करानी होगी। पुस्तकालयों को सक्रिय करना होगा। पठन-पाठन के अलावा पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों पर प्रधानाचार्यों को नियमित ध्यान देना होगा। इसमें प्रधानाचार्यों की कोई कोताही क्षम्य नहीं होगी। इसमें समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के विभागाध्यक्षों ने संचालित योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान सीडीओ रामसिंह वर्मा, डीआइओएस डा. राजेंद्र प्रसाद सहित अन्य विद्यालयों के प्रधानाचार्य थे।