तनाव एवं आराम तलबी मधुमेह की मुख्य वजह
विश्व मधुमेह दिवस पर बुधवार को जनपद में कई जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कहीं संगोष्ठी तो कहीं जागरूकता जुलूसों के माध्यम से लोगों को इस खतरनाक बीमारी के बारे में सचेत किया गया।
जागरण संवाददाता, मऊ : विश्व मधुमेह दिवस पर बुधवार को जनपद में कई जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कहीं संगोष्ठी तो कहीं जागरूकता जुलूसों के माध्यम से लोगों को इस खतरनाक बीमारी के बारे में सचेत किया गया। डाक्टरों ने बताया कि तनाव एवं आरामतलबी मधुमेह की मुख्य वजह है।
तनाव एवं आराम तलबी मधुमेह की मुख्य वजह रामकुमार गिरिजा देवी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा गाजीपुर तिराहा पर आयोजित 'मधुमेह कारण एवं निवारण' जागरूकता गोष्ठी में होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा. नम्रता श्रीवास्तव ने कहा कि अत्यधिक तनाव, आरामतलब जीवन शैली खान-पान की बिगड़ती आदतें, जंक फूड एवं फास्ट फूड के प्रति बढ़ते आकर्षण ने मधुमेह होने का खतरा कई गुना बढ़ा दिया है। पिछले दो दशकों में मधुमेह रोगियों की संख्या काफी बढ़ गई है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन (ऐसोमैच) की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में 300 मिलियन से भी ज्यादा मधुमेह रोगी हैं। अकेले भारत में 7 करोड़ लोग मधुमेह रोगी हैं। ऐसा अनुमान है कि 2025 तक इनकी संख्या तीन से चार गुना हो जाएगी। सौभाग्य की बात है कि इस बीच भारत सरकार ने योगा, आयुर्वेद एवं आयुष को बढ़ावा देकर अप्रत्याशित कमी लाने का प्रयास किया है।
होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा. अर¨वद श्रीवास्तव ने मधुमेह के लक्षणों पर चर्चा करते हुए बताया कि अधिक भूख लगना, बार-बार पेशाब लगना, आंखों की रोशनी तेजी से घटना, वजन तेजी से घटना, थकान लगना, पैरों में दर्द जलन, झुनझुनाहट, घाव व जख्म का देरी से सूखना आदि मधुमेह के लक्षण हैं। होम्योपैथिक दवा से इस बीमारी को नियंत्रित रखा जा सकता है। इस अवसर पर 35 मरीजों को शुगर की जांच कर मुफ्त दवाएं दी गईं।