ब्रह्मस्थान निजी बस स्टैंड पर पसरा सन्नाटा
ब्रह्मस्थान निजी बस स्टैंड की चहल-पहल खत्म हो गई है। प्रतिदिन लगभग पांच हजार यात्रियों से गुलजार रहने वाले निजी बस स्टैंड पर न बसें दिखाई दे रही हैं और न ही घोसी-कोपा चिल्लाते खलासियों की आवाजें। कभी-कभी कोई दिख भी रहा है तो वही जो घरों में बैठे-बैठे ऊब गया है वह तफरी करने निकल जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मऊ : ब्रह्मस्थान निजी बस स्टैंड की चहल-पहल खत्म हो गई है। प्रतिदिन लगभग पांच हजार यात्रियों से गुलजार रहने वाले निजी बस स्टैंड पर न बसें दिखाई दे रही हैं और न ही घोसी-कोपा चिल्लाते खलासियों की आवाजें। कभी-कभी कोई दिख भी रहा है तो वही जो घरों में बैठे-बैठे ऊब गया है वह तफरी करने निकल जा रहा है।
नगरपालिका की ओर से ब्रह्मस्थान पर यात्रियों के खरीद-फरोख्त के लिए कुछ दुकानें बनवाई गई थीं। यात्रियों के अभाव में उन दुकानों पर भी ताला लटका हुआ है। अधिकांश घरों में लोगों ने स्वयं को कैद कर रखा है। ब्रह्मबाबा न्यास के अध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय ने कहा कि निजी टैक्सी स्टैंड बंद है, लेकिन अभी भी कुछ लोग नहीं मान रहे हैं। वहीं, इसी बस्ती के निवासी गुड्डू सिंह एवं मनोज जायसवाल ने कहा कि कोराना वायरस से बचना है तो घर से बाहर बिल्कुल निकलने की जरूरत नहीं है। घर में ही टीवी देखकर, संगीत सुनकर या फिल्म देखकर समय बिताएं। भारत सरकार की ओर से जो भी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं उसका अनुपालन करना जरूरी है। इस समय केवल हम घर के भीतर अपने को कैद करके, स्वच्छता बरत के और कहीं भी भीड़ से बच के ही स्वयं को बचा सकते हैं और दूसरों को भी कोराना के भय से बचा सकते हैं। हर व्यक्ति को यह बात समझनी चाहिए।