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हाहानाला पर सरयू ने खतरे का निशान किया पार

जागरण संवाददाता मधुबन (मऊ) दोहरीघाट के बाद मंगलवार को मधुबन तहसील क्षेत्र के देवारा के

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 09:27 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 09:27 PM (IST)
हाहानाला पर सरयू ने खतरे का निशान किया पार
हाहानाला पर सरयू ने खतरे का निशान किया पार

जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : दोहरीघाट के बाद मंगलवार को मधुबन तहसील क्षेत्र के देवारा के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। हाहानाला पर सरयू का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर मंगलवार की शाम चार बजे तक 16 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा था। नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के दर्जनों गांव पानी से घिर गए हैं। संपर्क मार्गों पर कई फुट पानी चढ़ा हुआ है। नाव से ही किसी तरह ग्रामीण आवागमन कर रहे हैं।

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सरयू नदी का जलस्तर पिछले कई दिनों से स्थिर था, लेकिन रविवार की रात से जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी शुरू हो गई। सोमवार की रात यह खतरा बिदु को पार कर गया। फिलहाल जलस्तर का बढ़ना अभी जारी है। मंगलवार की शाम चार बजे हाहानाला रेग्युलेटर पर जलस्तर 66.46 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरा बिदु से 15 सेंटमीटर ऊपर है। तहसील क्षेत्र के देवारा में बसे बिदटोलिया, टांड़ी, बैरीकंठा, धूस, खैरा देवारा, हरिलाल का पूरा, मनमन का पूरा जैसे दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गए हैं। भैरोपुर-बिंदटोलिया मार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने से दुबारी से उसका संपर्क टूट गया है।

खेतों के पानी में डूब जाने के चलते पशुपालकों के सामने चारा संकट की चुनौती बनी हुई है। घर में रखा भूसा बचाना भी मुश्किल है। मंगलवार को धूस गांव के ग्रामीण नाव के सहारे भूसा बचाने की जद्दोजहद करते नजर आए। उधर, शौचालयों में पानी भर जाने से सबसे ज्यादा महिलाओं की परेशानी बढ़ गई है। बमुश्किल किसी तरह लोग अपनी दिनचर्या काट रहे हैं।

जागरण संवाददाता, रामपुर बेलौली (मऊ): तालरतोय व हाहानाला में सरयू के उफान से बैरियाडीह, लौवासाथ, सुरैना, हड़ही, नेवादा गोपालपुर, अम्मा, देवसीपुर आदि गांव बाढ़ से घिर कर टापू बन गए हैं। इससे करीब 20 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। घरों में पानी घुस जाने के कारण लोगों ने बंधा पर शरण लिया है। हड़ही की कुसुम, मनोज, सोनू, शिवजी, लालबहादुर, भान आदि के घरों में पानी भर गया है। इससे वह दूसरे के घरों में पनाह लिए हुए हैं। प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था की गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि बंधा से दक्षिण के बाशिदों की अनदेखी की जा रही है। प्रशासन की ओर से कोई राहत नहीं मिली है। राजनीतिक गलियारे से सत्ता पक्ष अथवा विपक्ष की तरफ से प्रभावित क्षेत्र का दौरा तो किया गया है, लेकिन मदद के नाम पर एक नाव को छोड़ कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। ग्रामीणों को इस बात को लेकर मलाल है कि बंधा से उत्तर तरफ लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। जबकि बंधा से दक्षिण की ओर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को नजरंदाज कर दिया जाता है। पानी के टकराव से सड़कें भी कटने लगी हैं। मर्यादपुर गजियापुर मार्ग बैरियाडीह पुल के समीप बाढ़ के पानी के टकराने से कट रहा है।


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