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बेदम हुईं छोटी सड़कें, जोखिम में जान

जागरण संवाददाता मऊ यूं तो पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल के लाइफलाइन की संज्ञा दी गई है

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 06:46 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 10:14 PM (IST)
बेदम हुईं छोटी सड़कें, जोखिम में जान

जागरण संवाददाता, मऊ : यूं तो पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल के लाइफलाइन की संज्ञा दी गई है। दावा भी है कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण से विकास के नए व चहुंमुखी द्वार खुलेंगे। वर्तमान में एक्सप्रेस-वे की जद में आने वाले किसानों के जमीनों का अधिग्रहण कर निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। इसके नए वर्ष पर आमजन के लिए खुल जाने की भी उम्मीद जताई जा रही है। निर्माण के लिए दूर-दूर से मिट्टी पाटकर ऊंचाई भी प्रदान की जा रही है तो वहीं एनटीपीसी टांडा से आए दिन सैकड़ों की तादात में कोयले की राख लदे ओवरलोड ट्रक धडल्ले से आ रहे हैं। हालांकि निर्माण कार्य भी लगभग 55 फीसदी पूरा हो गया है परंतु इससे कई परेशानियां भी खड़ी हो गई हैं। निर्माण के लिए आएदिन सैकड़ों की तादाद में दौड़ रहे बड़े-बड़े वाहनों से गांवों व जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन मार्गों से गुजरना जान जोखिम में डालने जैसा है। मजबूरन लोग इन रास्तों से यात्रा करने को विवश हैं।

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जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना व सदर तहसील से होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे निकल रहा है। निर्माण के लिए दोनों तहसीलों में अलग-अलग प्लांट लगाए गए हैं। जहां आए दिन सैकड़ों की तादाद में सीमेंट, गिट्टी, आदि सामानों की ढुलाई हो रही है। वहीं पिपरीडीह, सुअराबोझ, इटौरा, मुहम्मदाबाद गोहना आदि जगहों पर ओवरलोड ट्रकों से बड़ी संख्या में गिट्टियां व कोयले की राख गिराई जा रही है। साथ ही दिन रात पोकलैंड, जेसीबी व अन्य वाहनों से मिट्टी ढुलाई हो रही है। ऐसे में गाजीपुर, आजमगढ़ जनपद को जोड़ने वाला व जिले के दक्षिण-पश्चिमी भाग की सरसेना-सलाहाबाद, काझा-बढुआगोदाम जिला मार्ग जगह-जगह धंस कर टूट गया हैं। इसके साथ पिपरीडीह रेलवे क्रासिग के बगल से गुजरने वाला पिपरीडीह-सुअराबोझ ग्रामीण मार्ग पूरी तरह से खत्म हो चुका है। इस सड़क पर कहीं भी पिच का नामोनिशान भी नहीं दिखता। वहीं मुहम्मदाबाद गोहना-चिरैयाकोट मार्ग, सुल्तानीपुर-मऊ जिला मार्ग सहित दर्जनों की तादात में ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। आएदिन गड्ढ़ों में फंसकर लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। इनसेट--

यह है नियम

जानकारों के अनुसार यूपीडा की गाइडलाइन में यह है कि अगर एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान जिस मार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है और अगर वह मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की होगी। एक्सप्रेस-वे बना रही संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी ही उस सड़क की मरम्मत कराएगी। वर्जन--

'पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे निर्माण में जिन सड़कों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनके मरम्मत की जिम्मेदारी संबंधित कंस्ट्रक्शन की होगी। निर्माण हो परंतु आमजन को कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। इसके लिए बकायदे सर्कुलर जारी है।'

- मुकेश ठाकुर, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी। वर्जन--

'ऐसा सर्कुलर शासन द्वारा जारी किया गया है। अभी बरसात की वजह से भी सड़कें खराब हुई हैं। ऐसी सड़कों की मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी को पैसा दिया जा रहा है।'

- एमके अनिल, एक्सईएन, यूपीडा फेज 07-08।


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