शहीद स्मृति में बन रही सड़क, ग्रामीणों ने काम रोका
देश की सुरक्षा के जिए जहां वीर सपूत अपनी जान न्योछावर करते हैं वहीं उनकी स्मृति में बन रही सड़कों में भी विभाग अनियमितता पर तुला है। क्षेत्र के भेड़ियाधर निवासी शहीद सीआरपीएफ जवान धर्मेंद्र यादव की स्मृति में लगभग पांच करोड़ की लागत से बन रही सड़कों में निर्माण इकाई ग्रामीण अभियंत्रण सेवा खूब मनमानी कर रही है। एक तो आधी-अधूरी सड़क का निर्माण इकाई करा रही है वहीं मानकों को ताक पर रखा जा रहा है। इसके चलते ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को रोक दिया है।
जागरण संवाददाता, चिरैयाकोट (मऊ) : देश की सुरक्षा के लिए जहां वीर सपूत अपनी जान न्योछावर करते हैं वहीं उनकी स्मृति में बन रही सड़कों में भी विभाग अनियमितता पर तुला है। क्षेत्र के भेड़ियाधर निवासी शहीद सीआरपीएफ जवान धर्मेद्र यादव की स्मृति में लगभग पांच करोड़ की लागत से बन रही सड़कों में निर्माण इकाई ग्रामीण अभियंत्रण सेवा खूब मनमानी कर रही है। एक तो आधी-अधूरी सड़क का निर्माण इकाई करा रही है वहीं मानकों को ताक पर रखा जा रहा है। इसके चलते ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को रोक दिया है।
भेड़ियाधर निवासी सीआरपीएफ के जवान धर्मेद्र यादव 13 मार्च 2018 को छत्तीसगढ़ के सुकमा में शहीद हो गए थे। उनकी स्मृति में योगी आदित्यनाथ ने उनके गांव से जुड़े तीन सड़कों का नव निर्माण कराने का आदेश दिया था। इसके तहत प्रशासन ने सेचुई बड़ी नहर पुलिया से चिरैयाकोट के बड़हलगंल पुलिया तक नहर मार्ग, रायपुर-टंडवा मार्ग तथा शहीद के गांव जाने वाली सड़क को प्रस्तावित किया था। इसके लिए शासन ने लगभग पांच करोड़ रुपये सेक्शन किया था। इसमें ग्रामीण अभियंत्रण सेवा ने खेल खेलना शुरू कर दिया। सेचुई बड़ी नहर पुलिया से चिरैयाकोट के बड़हलगंल पुलिया तक नहर मार्ग का चौड़ीकरण सहित निर्माण कार्य शुरू किया गया। बड़हलगंज पुलिया से निर्माण शुरू हुआ जो सेचुई पुलिया से लगभग 200 मीटर पहले ही छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं चौड़ीकरण वाले स्थान में दोयम दर्जे की गिट्टी धड़ल्ले से डाली जा रही है। इसको लेकर सेचुई गांव के समीप ग्रामीणों ने काम को रोक दिया। ग्रामीणों ने मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी को मामले से अवगत कराते हुए शहीद की याद में बन रही सड़क पर मानक के अनुरूप कार्य कराने की गुहार लगाई। प्वाइंटर--
8.56 किलोमीटर - सड़क की लंबाई
7.66 किलोमीटर - बनाई जा रही सड़क
अनुमानित लागत - 2.95 करोड़ रुपये इनसेट--
बाइक से नापते हैं सड़क की दूरी
अक्सर सड़क निर्माण में कार्यदाई संस्थाएं जब निर्माण कराती हैं तो अंत में सड़कों को कुछ मीटर छोड़ दिया जाता है। इसके पीछे कारण यह है कि जब सड़क का प्रस्ताव बनाया जाता है तो विभागीय जेई बाइकों से लंबाई को नापते हैं। जब सड़क का निर्माण शुरू होता है तो सड़क को इंच-इंच नापा जाता है। इसके चलते अंत में सड़क कुछ मीटर तक छूट जाती है। सेचुई बड़ी नहर पुलिया से चिरैयाकोट के बड़हलगंल पुलिया तक नहर मार्ग के निर्माण में भी विभागीय लापरवाही का आलम यही रहा। आखिरकार जब पूरी सड़क का प्रस्ताव बना और सड़क शासन से सेक्शन भी हुई तो 200 मीटर सड़क का चौड़ीकरण व निर्माण न करना विभागीय खेल को दर्शाता है। वर्जन--
लगभग 200 मीटर सड़क पहले जिला पंचायत से बनी है। सड़क ठीक हालत में है। इसलिए पूरी सड़क के 200 मीटर पहले तक ही सड़क बनाई जा रही है।
- मनस्वी सोनकर, जेई आरइएस रानीपुर। वर्जन--
जब पूरी सड़क का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है और सड़क सेक्शन भी हुई है तो लगभग 200 मीटर सड़क आखिर कैसे छूटेगी। विभाग को निर्देशित किया गया है कि पूरी सड़क मानक के अनुरूप बनाई जाए। इसमें जिस स्तर पर लापरवाही उजागर होगी, कार्रवाई की जाएगी।
- आलोक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी, मऊ।