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आरबीएसके टीमें अब करेंगी टीबी व कुष्ठ रोग की पहचान

सीएमओ कार्यालय स्थित सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें जनपद के नौ ब्लाकों के आरबीएसके की टीम के 1

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 06:20 PM (IST)
आरबीएसके टीमें अब करेंगी टीबी व कुष्ठ रोग की पहचान
आरबीएसके टीमें अब करेंगी टीबी व कुष्ठ रोग की पहचान

जागरण संवाददाता, मऊ : सीएमओ कार्यालय स्थित सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें जनपद के नौ ब्लाकों के आरबीएसके की टीम के 18 सदस्यों को टीबी व कुष्ठ रोग की पहचान करने की विधि की जानकारी दी गई। जिला क्षय रोग के नोडल अधिकारी डा.एससी अग्रवाल द्वारा टीमों को टीबी तथा कुष्ठ रोग विशेषज्ञ डा.एचएस राय ने कुष्ठ रोगों की पहचान के संबंध में बताया।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) में मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सतीश चंद्र सिंह ने बताया कि जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों में टीबी और कुष्ठ रोग जैसी गंभीर बीमारियों की जांच होगी। बच्चों में उक्त बीमारी के लक्षण मिलने पर टीम के सदस्यों की जिम्मेदारी होगी कि उन्हें संबंधित सीएचसी/पीएचसी या आवश्यकता पड़ने पर इलाज के लिए उच्च स्तर के अस्पतालों में भेजें। डा. सिंह ने बताया कि आरबीएसके की टीमों को स्कूलों में वर्ष में एक बार और आंगनबाड़ी केंद्रों में दो बार भ्रमण कर जांच करने का निर्देश है। आरबीएसके के डीइआइसी मैनेजर अरविद वर्मा ने बताया कि कुछ समय पहले तक आरबीएसके 37 तरह की बीमारियों की जांच करती थी। अब टीबी व कुष्ठ के शामिल होने से 39 से ज्यादा बीमारियों की जांच की जिम्मेदारी है। इस मौके पर आरबीएसके के नोडल डा.आरके झा, डा. कृष्णा व रविशंकर ओझा आदि मौजूद थे।


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