रोपे गए 23.61 लाख पौधों में से तमाम पौधे पानी में डूबे
जागरण संवाददाता मऊ जनपद में पौधारोपण अभियान के बाद मूसलधार हुई बारिश ने कहर ढा दिय
जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद में पौधारोपण अभियान के बाद मूसलधार हुई बारिश ने कहर ढा दिया है। निचले इलाके के तमाम पौधों पानी में डूब गए हैं। रोपे गए 23.61 लाख पौधों में से तमाम पौधे पानी में डूब चुके हैं। एक सप्ताह से इन पौधों में पानी लगा है। ऐसे में इनके सूखने की आशंका बलवती होती जा रही है। पिछले साल 40 फीसद पौधे नष्ट हुए थे लेकिन आशंका है कि इस साल 60 फीसद पौधे सूख सकते हैं। विभाग की तरफ से इसे सुरक्षित किए जाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
जनपद में वन विभाग की तरफ से कुल 23.61 लाख पौधारोपण का लक्ष्य शासन की तरफ से निर्धारित किया गया था। इसमें 10.90 लाख वन विभाग तथा अन्य विभागों द्वारा 12.70 पौधों का रोपण करना था। जुलाई माह में युद्धस्तर पर अभियान चलाकर पौधों का रोपण किया गया था। यही नहीं वन विभाग की तरफ से सभी पौधे निश्शुल्क भी दिए गए थे। इसमें विभिन्न संस्थानों ने भी दिलचस्पी दिखाई थी और जमकर पौधारोपण किया गया था। पौधारोपण करने के बाद वन विभाग की तरफ से लगभग चार हजार स्थानों पर लगाए गए पौधों की जिओ टैगिग कराई जा चुकी थी। यानी इतने स्थानों पर पौधे जीवित अवस्था में थे। सूख रहे पौधे के स्थान पर विभाग नए पौधे भी लगा रहा था। इस बीच अचानक हुई मूसलधार बारिश की वजह से निचले इलाके के पौधे डूब गए हैं। यही नहीं सबसे ज्यादा मधुबन, मुहम्मदाबाद गोहना व घोसी में पौधे नष्ट हुए हैं। मुहम्मदाबाद गोहना में तमसा की बाढ़ से तमाम पौधे नष्ट होने की ओर हैं। घोसी में भी पौधे डूब गए हैं। मधुबन व दोहरीघाट में घाघरा की बाढ़ में भी तमाम पौधे नष्ट हो चुके हैं। ऊपरी इलाके के सभी पौधे सुरक्षित हैं। निचले इलाके में लगाए गए पौधे पानी में डूबे हुए हैं। ऐसे में इन पौधों के सूखने की आशंका अधिक है। विभाग की तरफ से पौधों को बचाने की हर कवायद की जा रही है।
-संजय विस्वाल, डीएफओ मऊ।