रेल बस ने यात्रियों से तोड़ा नाता, गई इज्जतनगर
जागरण संवाददाता, अदरी (मऊ) : एक समय था जब इंदारा से दोहरीघाट रेल बस जाती थी। रेल बस एक
जागरण संवाददाता, अदरी (मऊ) : एक समय था जब इंदारा से दोहरीघाट रेल बस जाती थी। रेल बस एक डिब्बे की होती थी। बस की तरह इसमें सारी सुविधा होती है। रेल बस सेवा यहां के लोगों को खूब पसंद आई लेकिन इसे भी बंद कर दिया गया। इससे यहां के लोगों में काफी निराशा व्याप्त है। रेल बस इंदारा स्टेशन पर छह माह से खड़ी थी। उसके पहियों में जंग लग रहा था। इस रेल मार्ग पर यात्रा करने वालों से अंतत: रेल बस ने नाता तोड़ लिया। उसे रेल विभाग ने मंगलवार को लोडर पर लादकर इज्जतनगर कारखाना भेज दिया।
इंदारा-दोहरीघाट रेल मार्ग की उपयोगिता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पर रेल की सुविधा अंग्रेजों के जमाने से मिली है। आजादी के कुछ दिनों बाद इंदारा से दोहरीघाट के बीच एक ट्रेन आती जाती रही है लेकिन आज के 20 साल पहले इस पैसेंजर गाड़ी का संचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद रेल विभाग ने रेल बस सेवा शुरू किया। रेल बस सेवा इंदारा से दोहरीघाट के बीच शुरू हुई तो यहां के लोगों के खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। क्योंकि यह आरामदायक तो थी ही, इसका किराया भी कम था। रेल बस में 72 सीटें थीं। इंदारा से दोहरीघाट के बीच मात्र दस रुपया किराया लगता था। यह इंदारा से दोहरीघाट के बीच में चार फेरे लगती थी। आने और जाने में तीन घंटा लगता था। कुछ दिनों बाद इसको देखते हुए रेल विभाग ने पांच बोगी वाली डीएमयू चलाया लेकिन तकनीकी खराबी के चलते यह सेवा भी बीती एक फरवरी को बंद कर दी गई। दोबारा इसे चलवाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र कुमार गोयल सहित यहां के लोगों ने कई बार धरना प्रदर्शन किया। बावजूद इसके उसे चलाया नहीं गया। रेल बस को जाते हुए देखने के लिए स्टेशन से बाजार तक सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए थे। हालांकि इसके बाद लोगों में इस रेलखंड के आमान परिवर्तन का काम शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है।