UP News: पूर्वांचल का पहला 300 करोड़ रुपये का सौर ऊर्जा संयंत्र बनकर तैयार, 50 मेगावाट होगा विद्युत का होगा उत्पादन
पूर्वांचल में 100 करोड़ का पहला सौर ऊर्जा संयंत्र मऊ में बनकर तैयार है। जनपद के रतनपुरा स्थित नसीराबाद कला में 300 करोड़ की लगात से इसका निर्माण किया गया है। इससे 50 मेगावाट की विद्युत का उत्पादन होगा। यह सीधे पावरहाउस हलधरपुर से जोड़ा जाएगा। इसके जुड़ने के बाद जनपद की एक चौथाई आबादी को अनवरत बिजली मिलने लगेगी।
जयप्रकाश निषाद, मऊ। पूर्वांचल में 100 करोड़ का पहला सौर ऊर्जा संयंत्र मऊ में बनकर तैयार है। जनपद के रतनपुरा स्थित नसीराबाद कला में 300 करोड़ की लगात से इसका निर्माण किया गया है। इससे 50 मेगावाट की विद्युत का उत्पादन होगा। यह सीधे पावरहाउस हलधरपुर से जोड़ा जाएगा। इसके जुड़ने के बाद जनपद की एक चौथाई आबादी को अनवरत बिजली मिलने लगेगी। इससे लोगों की ज्यादा हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा।
तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री स्व. कल्पनाथ राय के प्रयास से घोसी से पांच किलोमीटर दूर सरायसादी में ग्रामसभा में वर्ष 1992 में सोलर पावर प्लांट का शुभारंभ किया गया था। यहां पर एक सौ किलोवाट विद्युत ऊर्जा का उत्पादन प्रारंभ हुआ था। प्रायोगिक तौर पर केंद्र से 600 घरों को प्रति सीएफएल दस रुपये मासिक की सस्ती दर पर बिजली दी जाने लगी थी।
मंत्री रहे कल्पनाथ राय के निधन के साथ ही सौर ऊर्जा केंद्र की बदहाली के दिन प्रारंभ हो गए। तमाम तकनीकी खामियां आने के बाद वर्ष 2002 में प्लांट पूरी तरह बंद हो गया। इसके बाद जनपद के विकास को मानों ग्रहण लग गए हों। दो वर्ष पूर्व एके शर्मा को नगर विकास व ऊर्जा की जिम्मेदारी मिली तो लोगों को आस जगी। जनता की अपेक्षाओं पर वह खरा उतर रहे हैं।
बीते अक्टूबर माह में नसीराकला बाद गांव में ऊर्जा मंत्री की पहल पर जमीन चिह्नित की गई थी। इसके कार्य की जिम्मेदारी शासन से ही एएमपी एनर्जी व जेक्शन ग्रीन दिल्ली को सौंपी गई है। लगभग पांच मार्च तक युद्धस्तर पर कार्य किया गया है। यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। इसे हलधरपुर पावरहाउस से जोड़ा जाएगा। इसकी प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसे पूर्ण कर लिया जाएगा।
देवरिया में बना है 250 करोड़ का संयंत्र
देवरिया में दो साल पूर्व 250 करोड़ का सौर ऊर्जा संयंत्र बनकर तैयार हुआ था। इसके बाद मऊ में पहला 300 करोड़ का सौर ऊर्जा संयंत्र बनकर तैयार है। पूर्वांचल में यह पहला ऐसे संयंत्र हैं। सरकार का इस तरह के संयंत्र लगाने पर काफी जोर है।
विकास पुरुष कल्पनाथ राय के अधूरे रह गए सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। मऊवासियों तक हर संभव विकास पहुंचाया जा रहा है। हर कार्य समय से पूर्व कराया गया है। जनता के हित में हर कार्य किए जा रहे हैं।
लगभग सारा कार्य पूर्ण हो चुका है। अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में यह चालू हो जाएगा। इसके बाद मऊ की एक चौथाई आबादी को बिजली की समस्या से समाधान मिल जाएगा। इससे बिजली की ओवरलोडिंग समस्या भी खत्म हो जाएगी।