Move to Jagran APP

ई हौ राजा पूर्वांचल! कोरोना की अइसी की तइसी

यह है खौफ पर श्रम की विजय का शंखनाद कोई इसे भूख या पेट की मजबूरी का नाम भले दे ले पर सियासी शूरमाओं और नौकरशाहों की सारी अटकलें धड़ाम होती दिख रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 05:39 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 05:39 PM (IST)
ई हौ राजा पूर्वांचल! कोरोना की अइसी की तइसी
ई हौ राजा पूर्वांचल! कोरोना की अइसी की तइसी

सूर्यकांत त्रिपाठी, मऊ :

loksabha election banner

यह है खौफ पर श्रम की विजय का शंखनाद, कोई इसे भूख या पेट की मजबूरी का नाम भले दे ले पर सियासी शूरमाओं और नौकरशाहों की सारी अटकलें धड़ाम होती दिख रही हैं। हकीकत की धरती से दूर बैठकर सारे विश्लेषणों के 'इफ-बट' को धता बता दिया है पूर्वांचल के श्रमिकों ने। इनकी प्रबल जिजीविषा ने कोरोना के खौफ पर विजय का शंखनाद कर दिया है। बड़ी खबर यह है कि पूर्वांचल के गांवों में लौटे महानगरों के शिल्पकार एक बार फिर से महानगरों की ओर जाने को तैयार हैं। सिर्फ तैयार ही नहीं हैं, बल्कि तीन जून को छपरा से सूरत वाया मऊ जाने वाली पहली ही ट्रेन फुल हो चुकी है। दूसरी पांच जून को जयनगर से अमृतसर जाने वाली सरयू-यमुना एक्सप्रेस जो अब श्रमिक स्पेशल के नाम से जाएगी, उसमें 19 जून तक वेटिग की हालत है। जानकार इसे कोरोना के खौफ पर श्रमिकों का बड़ा तमाचा मान रहे हैं तो यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि 'ई हौ राजा पूर्वांचल! कोरोना की अइसी की तइसी'।

भारतीय रेलवे के शीर्ष प्रबंधन की ओर से हाल ही में 100 जोड़ी ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया गया है। इसमें मऊ जंक्शन से होकर गुजरने वाली सिर्फ तीन जोड़ी ट्रेनें ही शामिल हैं। इस रूट से होकर पहली ट्रेन तीन जून को गुजर रही है। कोरोना के संक्रमण के बीच पहले तो सबने यही सोचा कि पूर्वांचल के जो श्रमिक मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद से पैदल चले आए हैं वह वापस नहीं जाएंगे, लेकिन ट्रेनों के लिए बिक रहे आरक्षित टिकट के आंकड़ें चीख-चीख कर कह रहे हैं कि पूर्वांचल के सपूतों में किसी भी संघर्ष से जूझने और जीतने का माद्दा स्वतंत्रता आंदोलन के बलिदानियों की तरह अब भी मौजूद है। बात इन दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की ही नहीं है, बल्कि वाराणसी से मुंबई जाने वाली महानगरी एक्सप्रेस एवं गोरखपुर से हिसार हरियाणा जा रही पहली, दूसरी सभी ट्रेनें फुल हैं। रेलवे प्रशासन के लोग भी टिकटों की बिक्री का यह आंकड़ा देख हैरान हैं। मुख्य आरक्षण अधीक्षक नूर आलम ने बताया कि एक-दो दिन तो काउंटर खाली-खाली ही चला, लेकिन जल्द ही सीटों के भरने की रफ्तार बढ़ गई। कहा कि ताजा स्थिति की बात करें तो पूर्वांचल से महानगरों की ओर जाने वाली लगभग हर ट्रेन की स्थिति फुल और वेटिग होने की ओर है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.