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मुख्तार के करीबी राजन सिंह की 60.18 लाख की संपत्ति कुर्क

- राजन व भाई उमेश की कुल छह करोड़ की संपत्ति हो चुकी है कुर्क जागरण संवाददाता मऊ

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 06:31 PM (IST)
मुख्तार के करीबी राजन सिंह की 60.18 लाख की संपत्ति कुर्क

- राजन व भाई उमेश की कुल छह करोड़ की संपत्ति हो चुकी है कुर्क

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जागरण संवाददाता, मऊ : मुख्तार अंसारी गिरोह आइएस 191 के नजदीकी, कोयला माफिया व अपराधिक गैंग आइआर- 09 के सदस्य व हिस्ट्रीशीटर राजेश उर्फ राजन सिंह की परदहां मिल रोड स्थित तीन मंजिला मकान को गैंगस्टर एक्ट के तहत पुलिस ने जब्त कर दिया। इस मकान की कीमत लगभग 60.18 लाख रुपये आंकी गई है।

पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने बताया कि मुख्तार अंसारी गिरोह आइएस 191 के सदस्य मन्ना सिंह हत्याकांड 2009 में गवाह राम सिंह मौर्या एवं सुरक्षा में लगे आरक्षी सतीश हत्या हुई थी। इसमें सह अभियुक्त रहे त्रिदेव कंस्ट्रक्शन/त्रिदेव कोल डिपो/त्रिदेव ग्रुप के पूर्व मालिक कोयला माफिया सरायलखंसी निवासी राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह की 09 लाख 18 हजार व उस पर निर्माणधीन तीन मंजिला मकान कीमत 51 लाख कुल कीमत 60.18 लाख रुपये की अवैध रूप से अर्जित धन से बनाई गई संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई है। पूर्व में भाी गैंगेस्टर की ग्राम खरगजेपुर में भूखंड कीमत 35 लाख 23 हजार की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। अब तक राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह की कुल लगभग 95 लाख 41 हजार 600 कीमत की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। राजेश उर्फ राजन सिंह त्रिदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी/त्रिदेव कोल डिपो/त्रिदेव ग्रुप का संचालन अपने भाई उमेश सिंह के साथ मिलकर करता रहा है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है। मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की 2010 में ताबड़तोड़ फायरिग कर हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में थाना दक्षिण टोला में एफआईआर पंजीकृत किया गया था। इस अभियोग में राजन सिंह, मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था। इस हत्याकांड के संबंध में थाना दक्षिणटोला में गैंगेस्टर एक्ट का अभियोग विरुद्ध मुख्तार अंसारी, राजन सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध दर्ज किया गया था। इसके अलावा भी उमेश सिंह व राजन सिंह के विरुद्ध कुल 08 अभियोग पंजीकृत है।

एसपी ने बताया कि पिछले दो दशकों के दौरान राजन सिंह व उमेश सिंह के द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह के मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार के रूप में अतिसक्रिय व अग्रणी भूमिका रही है। माफिया से संबंधों का फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर मोनोपोली बनाते हुए कोयला माफिया के रूप में इन दोनों के द्वारा अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिग लंबे समय से की जाने की भी बात प्रकाश में आई है। दोनों भाइयों की अपराध व अवैध रूप से अर्जित लगभग 6.5 करोड़ रूपये की संपत्ति पूर्व में जब्त की जा चुकी है। जबकि गिरोह के माफियाओं व सहयोगियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में विगत तीन माह में कुल 21 करोड़ 30 लाख 41 हजार की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया जा चुका है


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