सूफी मुहम्मद जान साहब के 88वें उर्स की तैयारियां शुरू
स्थानीय नगर पंचायत के मोहल्ला काजीटोला में स्थित हजरत सूफी मुहम्मद जान सिद्दीकी किरमानी साहब के
जागरण संवाददाता, वलीदपुर (मऊ) : स्थानीय नगर पंचायत के मोहल्ला काजीटोला में स्थित हजरत सूफी मुहम्मद जान सिद्दीकी किरमानी साहब के 88वें ऊर्स की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बटोर 08 अक्टूबर को, चादरपोशी 09 को तथा गागर की रस्म, खिरकापोशी एवं महफिले शमां 10 अक्टूबर को होगा। मेले का समापन 11 को होगा। इस उर्स में देश के कोने-कोने से श्रद्धा के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मजार पर पहुंचकर मत्था टेकने से उनकी मांगी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
इस उर्स में लगने वाले मेले में शामिल होने के लिए कोलकाता, उड़ीसा, महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रदेश, आसाम, पश्चिम बंगाल सहित अन्य शहरों से जायरीन व श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी हो गया है। इस ऊर्स मेले में लगभग 4000 से 5000 हजार की भीड़ होती है। इनके खाने-पीने की व्यवस्था कमेटी द्वारा समय-समय पर की जाती है। हजरत पीर मुर्शीद सूफी मुहम्मद जान साहब किरमानी के बारे में बताया जाता है कि इनके पूर्वज पारस देश के किरमान शहर से बंगाल के रास्ते भारत आए। यह 18 सदस्यीय परिवार कोलकाता के रास्ते बनारस पहुंचा तथा कुछ लोग गाजीपुर, जौनपुर एवं मधुबन गए। इनका जन्म सिगेरा (गाजीपुर) सन 1867 में हुआ था। ये पढ़ाई में बहुत ही आगे थे तथा संस्कृत भाषा का ज्ञान रखते थे। 18 वर्ष की आयु में सूफी साहब वलीदपुर आए तथा हजरत मौलाना कामिल नोमानी साहब के शार्गिद बने। 22 वर्ष तक उनकी सेवा में लगे रहे। कामिल नोमानी साहब के देहांत के बाद वे गद्दीनसीन हुए तथा गुरु कामिल नोमानी साहब का ऊर्स भी बड़े ही श्रद्घा के साथ यहां लगता है।