दो साल सात माह में बदल गए राजनीतिक हालात
मऊ विधानसभा क्षेत्र घोसी। दो साल सात माह बाद उप चुनाव हो रहा है लेकिन तब और अब के राजनीतिक माहौल में काफी अंतर है। ऐसे में सत्ताधारी भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों के सामने चुनाव जीतने की चुनौती होगी।
अनिल मिश्र, मऊ :
विधानसभा क्षेत्र घोसी। दो साल, सात माह बाद उप चुनाव हो रहा है लेकिन तब और अब के राजनीतिक माहौल में काफी अंतर है। ऐसे में सत्ताधारी भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों के सामने चुनाव जीतने की चुनौती होगी।
इस सीट पर 2012 के आम चुनाव में बसपा के टिकट पर फागू चौहान चुनाव लड़े और सपा के सुधाकर सिंह से पराजित हो गए थे। उस समय उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनी थी। मार्च 2017 में जब इस सीट के लिए आम चुनाव हुआ था। तब बसपा छोड़ भाजपा आए फागू चौहान ने चुनाव लड़ा और जीत भी गए। सूबे में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार भी बन गई। समय के साथ पूर्वांचल में पिछड़ों जाति में पैठ बनाने के लिए दारा सिंह चौहान को कैबिनेट मंत्री बनाया गया तो दो साल सात माह बाद घोसी विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाकर राजनीतिक की बिसात पर एक और पासा चला गया। बहरहाल, बदले राजनीतिक हालात में 2012 के आम चुनाव में भाजपा, बसपा, कांग्रेस, भाकपा, सपा सहित कुल 15 प्रत्याशी थे, तो इस बार के चुनाव में भाजपा, बसपा, कांग्रेस, भाकपा और सपा समर्थित निर्दल प्रत्याशी सहित कुल 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।