पर्यावरण संतुलन के लिए पौधरोपण आवश्यक
वर्तमान जीवन व आने वाली पीढ़ी को प्रकृति के कहर से बचाना है तो धरती को हरा-भरा बनाना पड़ेगा। तभी हर मौसम व प्रकृति का संतुलन बना रहेगा तभी धरा बचेगी तथा जीवों का अस्तित्व संभव होगा।
जागरण संवाददाता, पलिगढ़ (मऊ) : वर्तमान जीवन व आने वाली पीढ़ी को प्रकृति के कहर से बचाना है तो धरती को हरा-भरा बनाना पड़ेगा। तभी हर मौसम व प्रकृति का संतुलन बना रहेगा, तभी धरा बचेगी तथा जीवों का अस्तित्व संभव होगा। इसी उद्देश्य से सरकार द्वारा चलाए जा रहे पौधरोपण की योजना को धरातल पर उतारते हुए तेंदुली ग्रामसभा के ग्राम प्रधान सुशीला यादव व प्रधानपति अवधेश यादव ने ग्रामीणों के सहयोग से लमुही पोखरे के एक बीघे के भीटे पर लगभग एक हजार पौधों का रोपण किया गया। इसमें नीम, पीपल, पाकड़, शीशम, जामुन, सागौन, आम, अमरूद, कटहल आदि पौधे रोपे गए।
रानीपुर ब्लाक अंतर्गत के इस गांव में ग्राम पंचायत अधिकारी बिदेश्वर यादव ने कार्यक्रम में सहयोग करते हुए इसे और आगे बढ़ाने की बात कही। कहा कि अभी तेंदुली ग्रामसभा में दो हजार और पौधों की आवश्यकता है। इसमें ग्राम प्रधान द्वारा 500 पौधों की व्यवस्था निजी तौर पर प्राइवेट नर्सरी से कर लिया गया है। जिसका शीघ्र ही रोपण होगा। पौधरोपण में सलाउद्दीन, मकबूल, गयासुद्दीन, इश्तेखार, इस्लाम, मेवालाल, रामप्रवेश, सोनू, प्रेमचंद्र, आशीष, शेषनाथ, उर्मिला देवी, शांति देवी, गीता, अशोक आदि थे।