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ठप रहेंगी जनहित से जुड़ी योजनाएं

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जनहित की योजनाएं ठप रहेंगी हालांकि पूर्व से संचालित प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस कनेक्शन सौभाग्य योजना आयुष्मान भारत किसान सम्मान योजना एवं स्वच्छ भारत मिशान योजनाएं आदि संचालित रहेंगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 06:04 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 06:04 PM (IST)
ठप रहेंगी जनहित से जुड़ी योजनाएं

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जनहित की योजनाएं ठप रहेंगी हालांकि पूर्व से संचालित प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस कनेक्शन, सौभाग्य योजना, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान योजना एवं स्वच्छ भारत मिशान योजनाएं आदि संचालित रहेंगी। अलबत्ता प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार किसी नई परियोजना या योजना की न घोषणा करेगी ना शुभारंभ। वित्तीय सहायता या ग्रांट चाहे सांसद एवं विधायक निधि से ही क्यों न हो, पर रोक होगी। शासन द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्य हेतु भूमि पूजन, शिलान्यास एवं लोकार्पण अनुमन्य नहीं है।

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आदर्श आचार संहिता निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। यह चुनाव बाद सरकार के गठन के बाद ही समाप्त होती है। इस अवधि में जनहित की योजनाओं के लिए अलग से फ्रेश धनराशि जारी नहीं होगी। स्थानांतरण एवं तैनाती पर भी रोक लगी रहेगी। हालांकि संहिता प्रवर्तित होने के बाद आयोग को सूचित किए बिना सरकारी अभिकरण ऐसी परियोजनाओं को जारी रख सकते हैं जो आवश्यक अनुमोदन के पश्चात मूल रूप में प्रारंभ हो चुकी हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के पंजीकृत लाभग्राही विद्यमान परियोजनाओं के तहत आच्छादित होंगे। इस अधिनियम के तहत पूर्व से अनुमोदित और स्वीकृत ऐसी परियोजनाएं भी जारी रहेंगी जो पहले ही सूचीबद्ध हो गई हों एवं निधियों को भी चिह्नत कर लिया गया हो। ऐसी लाभग्राही परियोजनाएं पर भी रोक प्रभावी नहीं होगी जिनमें आदर्श आचार संहिता के लागू होने के पूर्व ही लाभग्राही चुने जा चुके हों। आयोग की अनुमति से लाभपरक एवं कार्यपरक योजनाएं जो संहिता प्रभावी होने के पूर्व समस्त शर्त पूरी करती हों को प्रारंभ किया जा सकता है। इस श्रेणी में आवश्यक यह है कि पूर्ण वित्तपोषण की व्यवस्था कर ली गई हो, समस्त आवश्यक अनुमोदन प्राप्त हों, निविदा आमंत्रण, मूल्यांकन और अधिनिर्णय की प्रक्रिया पूरी हो और प्रदत्त समयावधि में कार्य पूरा करना संविदात्मक बाध्यता हो।


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