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आंकड़ों की नजर में जनपद में धान एवं गेहूं की फसल

इस वर्ष मौसम बेहद प्रतिकूल होने के चलते खरीफ की कटाई एवं धान की बिक्री ही नहीं वरन रबी की बोआई भी प्रभावित हुई है। क्षेत्रफल में भले ही कमी नहीं आई है पर नुकसान अवश्य हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 06:56 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:56 PM (IST)
आंकड़ों की नजर में जनपद में धान एवं गेहूं की फसल

जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) : इस वर्ष मौसम बेहद प्रतिकूल होने के चलते खरीफ की कटाई एवं धान की बिक्री ही नहीं वरन रबी की बोआई भी प्रभावित हुई है। क्षेत्रफल में भले ही कमी नहीं आई है पर नुकसान अवश्य हुआ है। आंकड़े इस तथ्य की गवाही देते हैं। तमाम किसान पंजीकरण एवं क्रय केंद्रों पर नियमों के मकड़जाल के चलते खुले बाजार में अपना उत्पाद बेचने को वरीयता देते हैं। धान की खेती आंकड़ों में

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81 हजार हेक्टेयर है धान की खेत का क्षेत्रफल

4.05 हजार हेक्टेयर में है कटाई को अवशेष धान

34 कुंतल प्रति हेक्टेयर धान का उत्पादन

275400 एमटी सकल उत्पादन

3623.16 मीट्रिक टन अभी तक क्रय केंद्रों पर बेचा गया धान

673 धान बेच चुके किसानों की संख्या

5476 पंजीकृत धान उत्पादक किसानों की संख्या आंकड़ों में रबी की फसल

95 हजार हेक्टेयर गेहूं की खेती का क्षेत्रफल

76 हजार हेक्टेयर रबी सत्र में अब तक बोया गया क्षेत्रफल

19 हजार हेक्टेयर रबी की बोआई को अवशेष क्षेत्रफल


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