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तमसा नदी का बहाव रोकने से प्रधानों में आक्रोश

जागरण संवाददाता, नौसेमरघाट (मऊ) : मछली पकड़ने के चक्कर में नदी का प्रवाह अवरुद्ध करने से भी मछुआरे ब

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 06:17 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 06:17 PM (IST)
तमसा नदी का बहाव रोकने से प्रधानों में आक्रोश

जागरण संवाददाता, नौसेमरघाट (मऊ) : मछली पकड़ने के चक्कर में नदी का प्रवाह अवरुद्ध करने से भी मछुआरे बाज नहीं आ रहे हैं। पूराघाट पुल से भदेसरा तक कई स्थानों पर तमसा नदी में पेड़ों की झाड़ियां व बांस की बल्ली के सहारे धारा को अवरुद्ध कर मछली पकड़ने का उपक्रम किया गया है। झाड़ियों के नदी के प्रवाह मार्ग में होने के चलते उस स्थान पर भारी मात्रा में गंदगी एकत्र होकर सड़ रही है, जिससे भयंकर दुर्गंध उठ रही है। इससे पानी के जहरीला होने और उसे पीने पर जानवरों के मरने का खतरा बना हुआ है। कोपागंज व परदहा विकासखंड के तटीय गांवों के आधा दर्जन गांवों के प्रधानों ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

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परदहा विकास खंड के कासिमपुर के प्रधान हरिशंकर यादव, बैजापुर के रीना साहनी, रैनी के मुकेश राय, सनेगपुर के लक्ष्मी मौर्य, उमापुर के बृजेश सिंह ने कहा कि सफाई होने व बारिश के दिनों में नदी में पानी आने से कोई दिक्कत नहीं थी। उधर, जैसे ही नदी में जलस्तर कम हुआ है मछुवारों ने कासिमपुर से लेकर रैनी तक कई स्थानों पर नदी का प्रवाह अवरुद्ध कर रखा है। कोपागंज विकासखंड के नौसेमरघाट के प्रधान विनोद कुमार, एकौना की सुमित्रा देवी, हथिनी के कमलेश राय ने बताया कि जगह-जगह नदी के पानी को इस तरह से रोकने के कारण दुर्गंध उठ रही है। जिला प्रशासन को ऐसे मछुवारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी। दो माह पहले ग्राम प्रधानों ने इस समस्या से अवगत कराते हुए जिलाधिकारी को पत्रक भी भेजा था।


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