मिलावटी नमक बेचने में एक वर्ष की कैद
खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के एक मामले में मिलावटी नमक बेचने के अपराध में सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बढुआगोदाम निवासी दुकानदार मुरली को मुख्य न्यायिक मजिस्टृेट लोकेश नागर ने विचारण के उपरांत दोषी पाते हुए सजा सुनाई। न्यायालय ने 26 वर्ष पुराने इस मामले में साक्ष्य की गहन समीक्षा व अभियोजन कथानक को संदेह से परे साबित पाते हुए अपना फैसला सुनाया।
जागरण संवाददाता, मऊ : खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के एक मामले में मिलावटी नमक बेचने के अपराध में सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बढुआगोदाम निवासी दुकानदार मुरली को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लोकेश नागर ने विचारण के उपरांत दोषी पाते हुए सजा सुनाई। न्यायालय ने 26 वर्ष पुराने इस मामले में साक्ष्य की गहन समीक्षा व अभियोजन कथानक को संदेह से परे साबित पाते हुए अपना फैसला सुनाया। तत्कालीन खाद्य निरीक्षक रानीपुर अनंतदेव पांडेय ने 30 जून 1993 को सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बढुआगोदाम स्थित आरोपी मुरली की खाद्य पदार्थ की दुकान का निरीक्षण किया। दुकान में 20 पैकेट आयोडीन नमक था। इसका सैंपल लिया गया और लखनऊ जांच हेतु भेजा गया था, जो मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। उसमें मिलावट पाई गई। इस मामले में कुल दो गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराकर अभियोजन कथानक को संदेह से परे साबित कराया गया। न्यायाधीश ने तथ्य एवं परिस्थितियों अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलों व नजीरों पर विस्तृत व्याख्या के उपरांत आरोपी मुरली को खाद्य अपमिश्रण के अपराध में एक वर्ष के साधारण कारावास व दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास भुगतने का भी निर्णय दिया।