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किसानों को फसल बीमा के लिए नहीं कर सकते हैं बाध्य

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अब ऐच्छिक कर दी गई है। अब यदि कृषक चाहे तो अपनी फसल का बीमा करवाने से इंकार कर सकता है। इसके लिए ऐसे अनिच्छुक कृषकों को अपनी बैंक शाखा को जहां से केसीसी बना है और वह फसली ऋण ले रहे हैं। वे 24 जुलाई से पहले लिख कर सूचित करना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 05:24 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 05:24 PM (IST)
किसानों को फसल बीमा के लिए नहीं कर सकते हैं बाध्य

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अब ऐच्छिक कर दी गई है। अब यदि कृषक चाहे तो अपनी फसल का बीमा करवाने से इंकार कर सकता है। इसके लिए ऐसे अनिच्छुक कृषकों को अपनी बैंक शाखा को, जहां से केसीसी बना है और वह फसली ऋण ले रहे हैं। वे 24 जुलाई से पहले लिख कर सूचित करना पड़ेगा। यदि वह अपनी असहमति व्यक्त नहीं करते हैं, तो बैंक शाखा ऋण धनराशि का हस्तांतरण करते समय लाभार्थी के खाते से प्रीमियम की किश्त स्वत: ही काट लेगी तथा बीमा कंपनी को भेज देगी। शासन ने चार जुलाई को शासनादेश जारी करते हुए यह निर्देशित किया है कि कोविड-19 महामारी के कारण आवागमन सामान्य न होने से कृषकों को बैंक जाने में असुविधा हो सकती है। ऐसी दशा में उनके द्वारा ई-मेल, मोबाइल से स्कैन किया गया प्रार्थना पत्र, डाक या अन्य किसी संचार माध्यम से भेजा गया हस्ताक्षरयुक्त प्रार्थना पत्र भी बैंक द्वारा स्वीकार कर लिया जाए। सभी कृषकों को अवगत कराना है कि यदि वे खरीफ सीजन में लिए जाने वाले फसली ऋण के सापेक्ष अपनी फसल का बीमा नहीं कराना चाहते हैं तो वे 24 जुलाई से पूर्व बैंक शाखा को ऊपर दी गई किसी भी विधि से अपने बैंक शाखा को अवश्य सूचित कर दें कि वे फसल बीमा योजना में प्रतिभाग नहीं करना चाहते हैं। यह जानकारी जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार ने दी है।

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