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मनरेगा : सोशल आडिट ने लगाई जागरण की खबर पर मुहर

जागरण संवाददाता मऊ गरीबों को रोजगार देने की गारंटी वाली योजना मनरेगा अनियमितता में जक

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 06:47 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 07:55 PM (IST)
मनरेगा : सोशल आडिट ने लगाई जागरण की खबर पर मुहर
मनरेगा : सोशल आडिट ने लगाई जागरण की खबर पर मुहर

जागरण संवाददाता, मऊ : गरीबों को रोजगार देने की गारंटी वाली योजना मनरेगा अनियमितता में जकड़ी है। अनियमितता को लेकर जून माह में दैनिक जागरण ने समाचारीय अभियान चलाया था। जागरण की खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर खुद राज्यमंत्री ग्राम्य विकास आनंद स्वरूप शुक्ल ने रतनपुरा विकास खंड की जांच की थी। इसमें देवदह व पिपरसाथ ग्राम पंचायत में भारी घोटाला मिला था। अब सोशल आडिट ने प्रशासनिक कारस्तानी की पोल खोल दी है। आडिट में लगभग 3.50 करोड़ की वित्तीय अनियमितता मिली है, जो जागरण की खबर की मुहर लगाती है।

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केंद्र सरकार की महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का मकसद है कि गांव में ही गरीब जाबकार्ड धारकों को 100 दिन का रोजगार मिले। ताकि शहरों की तरफ पलायन को रोका जाए। इसके लिए प्रतिवर्ष सरकार भारी-भरकम धनराशि भी दे रही है। इधर आलम यह है कि कच्चे कामों पर प्रतिवर्ष बारिश में करोड़ों रुपये बह जा रहे हैं तो पक्के कार्यों में करोड़ों रुपये का जमकर खेल हो रहा है। जिले स्तर से लगायत ग्राम पंचायत स्तर तक कमीशनखोरी की बाढ़ सी आ गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में मनरेगा मद में कुल 115.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसमें श्रम मद में 82.71 करोड़ तो सामग्री मद में 32.56 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। साथ ही अगले वित्तीय वर्ष यानि 2020-21 में भी श्रम मद में कम तो सामग्री मद में 32 करोड़ रुपये भुगतान कर दिए गए। जून माह में जागरण ने अपने समाचारीय अभियान में जब सामग्री मद में स्टाक पेमेंट किए जाने का मुद्दा उठाया तो शासन ने इसका संज्ञान लिया। खुद प्रमुख सचिव ग्राम विकास ने जिले से रिपोर्ट तलब की थी। इसमें प्रमुख सचिव को जिला प्रशासन ने जो रिपोर्ट भेजी उसमें जागरण की खबर को भ्रामक करार दिया गया था। खुद मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए राज्यमंत्री को जांच के लिए भेजा था। अब सोशल आडिट ने जागरण की खबर पर अपनी मुहर लगाते हुए वित्तीय अनियमितता की पुष्टि की है। इनसेट--

रतनपुरा में 1.26 करोड़ का घोटाला

दैनिक जागरण की खबर पर 08 जून को राज्यमंत्री ग्राम्य विकास आनंद स्वरूप शुक्ल ने रतनपुरा विकास खंड का निरीक्षण किया था। यहां के देवदह व पिपरसाथ गांव के निरीक्षण में राज्यमंत्री ने खुद अनियमितता देखी थी। मंत्री ने जिलाधिकारी को जिला स्तरीय अधिकारियों के नेतृत्व में जांच के निर्देश दिए थे। हालांकि कार्यों के बोझ तले दबे प्रशासन ने ढाई माह बीतने के बाद भी जांच कराने की जहमत तक नहीं उठाई। इधर सोशल आडिट द्वारा रतनपुरा ब्लाक के लगभग दो दर्जन ग्राम पंचायतों की आडिट में 1.26 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता मिली है।

टेक्निकल टीम करें जांच तो खुलेंगे बड़े राज

गरीबों को रोजगार देने के नाम पर प्रतिवर्ष आने वाली करोड़ों की धनराशि अनियमितता की भेंट चढ़ जाती है। हालांकि पहली बार सोशल आडिट की टीम ने बड़ी वित्तीय अनियमितता पकड़ी है। हर बार जिला प्रशासन मनरेगा के तकनीकी सहायकों से जांच कराकर अपनी इतिश्री कर लेता है। अगर टेक्निकल टीम के द्वारा चिह्नित ग्राम पंचायतों की ही जांच हो जाए तो कई करोड़ रुपये की अनियमितता मिलेगी।

वर्जन--

जनपद में आठ ब्लाकों में सोशल आडिट कराई गई है। इसमें मनरेगा के धनराशि का दुरुपयोग होना पाया गया है। जिन ग्राम पंचायतों की आडिट में मामले उजागर हुए हैं, सबसे रिकवरी की जाएगी।

- एमएन त्रिवेदी, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण व प्रभारी अधिकारी सोशल आडिट, मऊ।


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