अपहरणकर्ताओं से बालक मुक्त, पांच आरोपित गिरफ्तार
जागरण संवाददाता सिकंदरपुर (बलिया) कस्बे के आभूषण व्यवसायी कैलाश चंद प्रसाद के इकलौते पु
जागरण संवाददाता, सिकंदरपुर (बलिया) : कस्बे के आभूषण व्यवसायी कैलाश चंद प्रसाद के इकलौते पुत्र 13 वर्षीय कृष्णा के अपहरण की गुत्थी सुलझ गई है। पुलिस ने बालक को सकुशल बरामद करते हुए पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक भाई व तीन सगी बहनें भी शामिल हैं। आरोपित पीड़ित परिवार से 25 लाख रुपये की फिरौती मांग रहे थे। बेटे के घर लौटने से स्वजन की आंखें खुशी से डबडबा गर्ई।
पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर ने मंगलवार को सिकंदरपुर थाने में पत्रकारों को मामले की जानकारी दी। 20 जनवरी को कृष्णा घर से अचानक लापता हो गया था। अगले दिन उसके पिता ने थाने में तहरीर देकर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। एसपी ने इसके रहस्योद्घाटन के लिए पांच टीमों का गठन किया। मोबाइल नंबरों की सर्विलांस के जरिए जांच की गई। इसी क्रम में सोमवार को सिकंदरपुर कस्बा निवासी अटल सोनी को पुलिस ने उठा लिया। उससे पूछताछ के आधार पर मऊ के मधुबन थाना क्षेत्र के मनसई करौंदी, नारायनपुर के लालू उर्फ रमन यादव पुत्र रामअवध यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों की निशानदेही पर लालू के घर से बालक को सकुशल बरामद कर लिया गया। वहां लालू की तीन बहनों गुड़िया, बबिता व शीला ने बालक को कैद कर रखा था। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी ने बताया कि संजय ऊर्फ अटल सोनी व लालू ने बालक से कहा कि उसके पापा ने बुलाया है। इसके बाद दोनों उसे बाइक पर बैठाकर आसानी से मऊ लेकर चले गए। वहां लालू के घर में बालक को छिपा दिया गया। इसके बाद आरोपितों ने व्यवसायी को फोन कर 25 लाख रुपये देने की मांग रखी। ऐसा नहीं करने पर बेटे को जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने उस मोबाइल नंबर के सहारे आरोपितों तक पहुंचने की कोशिश शुरू की। बड़ी संख्या में संदिग्धों की प्रोफाइल खंगाली गई। आरोपितों का सुराग हाथ लग गया। बच्चे की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस ने पूरी सतर्कता बरतते हुए कार्रवाई की और आरोपितों को धर-दबोचा। उनके पास से बाइक, दो मोबाइल फोन व दो सिमकार्ड बरामद किए गए हैं।
पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार : पुलिस अधीक्षक ने अपहरण की गुत्थी सुलझाने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। इसके अलावा उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
सही साबित हुआ अंदेशा : इस पूरे मामले में दैनिक जागरण का अंदेशा सही साबित हुआ। 24 जनवरी के अंक में प्रकाशित 'किसी की बाइक पर बैठ कर गया था आभूषण व्यवसायी का बेटा' खबर की बात सही निकली।