गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य सुविधाएं में टाप-10 में शामिल Mau, पहले 68वीं रैंक पर था जिला, डीएम ने की सराहना
मऊगर्भवती महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण जांच एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में जनपद टॉप-10 में शामिल है। इसे लेकर प्रशासनिक महकमें में खुशी का माहौल है। जिलाधिकारी ने इसके लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की सराहना की है। बता दें कि मार्च 2022 तक जनपद 68वी रैंक पर था।
जागरण संवाददाता, मऊ : गर्भवती महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण जांच एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में जनपद टॉप-10 में शामिल है। इसे लेकर प्रशासनिक महकमें में खुशी का माहौल है। जिलाधिकारी ने इसके लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की सराहना की है।
बता दें कि मार्च 2022 तक जनपद 68वी रैंक पर था। मार्च 2023 में जनपद पहुंचा नौवें स्थान पर पहुंच गया है। जिलाधिकारी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जनपद में संचालित विभिन्न योजनाएं नित नई सफलताएं हासिल कर रही हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सप्ताह के बुधवार एवं शनिवार के दिन मनाया जाता है। इन दिवसों पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार प्रमुख जांच की जाती है। इनमें ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, वजन एवं पेशाब से संबंधित जांच प्रमुख रूप से सम्मिलित होती हैं। जांच के उपरांत गर्भवती महिलाओं को आवश्यकतानुसार आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड आदि की दवाएं भी उपलब्ध कराई जाती है। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के दौरान इन जांचों के उपरांत उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर प्रसव पूर्व होने वाले मातृ मृत्युदर को कम करने में भी मदद मिलती है।
पिछले साल 68वीं रैंक पर था जनपद
प्रशासन की मानें तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सुविधाओं की मानिटरिंग डब्ल्यूएचओ एवं यूनिसेफ द्वारा नियमित रूप से की जाती है। इसके आधार पर जनपद की रैंकिंग निर्धारित होती है। पिछले वर्ष मानिटरिंग के दौरान मार्च 2022 में जनपद का गर्भवती महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण जांच एवं स्वास्थ्य सुविधाएं देने में जनपद का पूरे प्रदेश में 68वी रैंक थी। जिलाधिकारी के नेतृत्व एवं मार्ग निर्देशन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई। इसके कारण डब्ल्यूएचओ एवं यूनिसेफ द्वारा जारी संयुक्त रैंकिंग में जनपद मऊ ने पूरे प्रदेश में टाप टेन में जगह बनाई। इस वर्ष जनपद नौंवी रैंक हासिल की है। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ एवं यूनिसेफ द्वारा जारी रिपोर्ट में बच्चों का पूर्ण प्रतिरक्षण 64 प्रतिशत से बढ़कर 81 प्रतिशत हो गया है।
मऊ के जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर गुणवत्ता पूर्ण जांच व जांच के उपरांत उपलब्ध कराई जाने वाली गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण मातृ मृत्यु में कमी आई है। बाल स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार हुआ है। बच्चों की प्रतिरक्षण क्षमता में भी वृद्धि हुई है। लगातार उपलब्धि अधिकारियों व कर्मचारियों की मेहनत से मिल रही है। अपेक्षा है कि आगे भी वह इसी तरह कार्य करेंगे।