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ममता भी हार गई जिदगी की जंग, कुल 15 मौतें

स्थानीय कस्बे में हुए गैस सिलेंडर हादसे में घायल 1

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 09:59 PM (IST)
ममता भी हार गई जिदगी की जंग, कुल 15 मौतें
ममता भी हार गई जिदगी की जंग, कुल 15 मौतें

जागरण संवाददाता, वलीदपुर (मऊ) : स्थानीय कस्बे में हुए गैस सिलिंडर हादसे में घायल 18 वर्षीया ममता पुत्री स्वर्गीय छोटू विश्वकर्मा भी बुधवार की रात में जिदगी की जंग हार गई। उसकी सांसें थमते ही इस हादसे में मृतकों की संख्या 15 हो गई। गुरुवार की सुबह जैसे ही यह खबर गांववालों को मिली। एक बार फिर कोहराम मच गया। चार दिन से जारी मौतों के सिलसिले से कस्बे में दहशत का माहौल है। अब भी अस्पताल में 20 लोगों का इलाज चल रहा है। इस घटना में कुल 13 लोगों की मौत और 24 घायल हुए हैं।

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बताते चलें कि गैस सिलिंडर हादसा ममता के घर ही हुआ था। इस हादसे में घटना के दिन ही 13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 24 लोग घायल हुए थे। इस हादसे में ममता समेत उसकी दो बहनें भी झुलसी थीं। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए सोमवार को ही मुहम्मदाबाद सीएचसी ने मंडलीय चिकित्सालय आजमगढ़ रेफर कर दिया। लगभग 70 फीसद जल चुकी ममता को वहां से मंगलवार को ट्रामा सेंटर बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया। वहां इलाज के दौरान बुधवार की रात में उसने दम तोड़ दिया। ममता स्थानीय बीआरके इंटर कालेज में कक्षा 12 की छात्रा थी। उसकी मौत का समाचार मिलते ही परिजनों समेत सभी घायलों के परिवारों में कोहराम मच गया। एक-एक कर होती मौतों से लोग अपने भर्ती परिजनों की स्थिति को लेकर भयभीत हैं। जैसे ही यह मनहूस खबर मां रीता को मिली, वह चीख मारकर बेहोश हो गई। होश में आने के बाद भी उनका विलाप लोगों कर सीना चीरे जा रहा था। शोक में विद्यालय भी बंद

ममता की मौत की खबर जब उसके विद्यालय बीआरके इंटर कालेज पहुंची तो छात्रा की मौत से पूरे विद्यालय परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। विद्यालय परिवार ने अपनी छात्रा की मौत पर दो मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया तथा उसकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। दो बहनों संग ममता ने दिखाई जांबाजी, हुई शिकार

सोमवार की सुबह जब ममता की मां रीता देवी किचेन में गैस चूल्हे पर चाय बनाने गई तो उन्होंने नए सिलिडर की कैप का धागा खींचकर उसे खोला। सील कैप हटते ही तेजी के साथ गैस ऊपर निकलने लगी। उन्होंने घबराकर उसे दोबारा लगाकर बंद करना चाहा, कितु गैस की तीव्रता के आगे नाकाम रहीं। अपनी पांचों बेटियों को आवाज देते हुए रीता देवी घर से बाहर निकल गईं और लोगों को सहायता के लिए पुकारने लगीं। तभी पड़ोस के ताऊ कन्हैया विश्वकर्मा की बिटिया ने बताया कि बोरा भिगोकर रख देने से गैस का रिसाव बंद हो जाएगा। ममता अपनी उस चचेरी और एक सगी बहन के साथ जांबाजी दिखाते हुए अंदर गैस रिसाव बंद करने गई और तभी विस्फोट हो गया। विस्फोट के बाद लगी आग में वह बुरी तरह से झुलस गई।

घटना के बाद वह कमरे से बाहर आ गई तथा सिलिडर मे लगी आग को बुझाने के लिए पुन: कमरे में बहन के साथ चली गई। दोनों अभी कमरे से बाहर निकल ही रहीं थीं कि उनके ऊपर छत गिर गया। ममता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया था जहां उसकी हालत गंभीर देख मंडल चिकित्सालय आजमगढ़ के रेफर कर दिया गया था। मंगलवार को आजमगढ़ से वाराणसी बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर किया गया था जहां इलाज के दौरान बुधवार की रात जिदगी की जंग हार गई। उसकी मौत की खबर आते ही परिवार सहित पूरे इलाके में मातम छा गया।


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