कोरोना के साथ अब मलेरिया पर भी होगा प्रहार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनपद के समस्त विकास खंडों के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत गांवों में मलेरिया माह मनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, मऊ : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनपद के समस्त विकास खंडों के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत गांवों में मलेरिया माह मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य आम जनमानस में मलेरिया से बचाव व रोकथाम को लेकर जागरूकता करना है। कोरोना काल में आशा व एएनएम लोगों को जागरूक करेंगी तथा इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का भी ख्याल रखा जाएगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो परजीवी रोगाणु से होती है, जिसे प्लाज्मोडियम कहते हैं तथा मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। ये रोगाणु व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं में फैल जाते हैं। सीएमओ ने बताया कि मलेरिया 10 से 12 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित करता है। तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया होने के पश्चात रोगी का शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं। इसकी निश्शुल्क जांच और इलाज विशेषज्ञ व डाक्टरों की देखरेख में जिले के सरकारी अस्पताल सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है।
जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि जनपद के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर 'हर रविवार मच्छर पर वार' स्लोगन का प्रचार-प्रसार कर जनमानस को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही मलेरिया जांच हेतु चयनित ग्राम में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। 2017 में मलेरिया के तीन मरीज पाए गए थे जबकि 2018 में 11 मरीज थे। वहीं 2019 में जिले में 11 मलेरिया के मरीज पाए गए। कहा कि जनसमुदाय अपने घर के आस-पास साफ-सफाई रखें, जल भराव न होने दें, क्योंकि बरसात के समय में गड्ढों में, बड़े बर्तनों में, टायरों में जल जमा हो जाता है तथा ज्यादा दिन तक एक ही स्थान पर इकट्ठा रहने के कारण मच्छर पानी में पनपते हैं और ज्यादा संख्या में मच्छरों को जन्म देते हैं। व्यक्ति सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें एवं मॉस्कीटो क्रीम या लोशन अवश्य लगाएं। साथ ही पानी उबालकर पीएं, जिससे मलेरिया जैसी बीमारी को नियंत्रित किया जा सके।