एकता व समरसता का पर्व है मकर संक्रांति
मकर संक्रांति सामाजिक समरसता एवं एकता का पर्व है। यह पर्व हमें प्रकृति के साथ समाज से एकाकार होने का संदेश देता है। जिस तरह विभिन्न प्रकार के अन्न गुड़ के साथ मिलकर सुस्वादु व्यंजनों की सृष्टि करते हैं
जागरण संवाददाता, मऊ : मकर संक्रांति सामाजिक समरसता एवं एकता का पर्व है। यह पर्व हमें प्रकृति के साथ समाज से एकाकार होने का संदेश देता है। जिस तरह विभिन्न प्रकार के अन्न गुड़ के साथ मिलकर सुस्वादु व्यंजनों की सृष्टि करते हैं तथा चावल-दाल, उड़द मिलकर एकाकार हो खिचड़ी जैसे सुपाच्य व पुष्टिवर्धक व्यंजन का निर्माण करते हैं, उसी प्रकार समाज के सभी वर्ग मिलकर कार्य करें तो संगठित और शक्तिशाली समाज की रचना होगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यही मंतव्य है। इस पर्व में छिपे इसी संदेश के चलते संघ ने अपने छह उत्सवों में इस पर्व को प्रमुखता से शामिल किया है। यह बातें स्वदेशी जागरण मंच के प्रांतीय सह विचार मंडल प्रमुख डा.सीपी राय ने कही। वे बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा नगर के बड़ा पोखरा स्थित मुन्नी देवी इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित मकर संक्रांति पर्व पर अपने विचार प्रकट कर रहे थे। इस मौके पर संघ के स्वयंसेवकों ने सहभोज किया और सुस्वादु खिचड़ी का आनंद लिया।
आरंभ में ध्वजारोहण के बाद नगर कार्यवाह अरविद कुमार आर्य ने गीत एवं अमृत वचन प्रस्तुत किया। नगर संघ चालक लक्ष्मण प्रसाद की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में डा.राय ने विस्तार से मकर संक्रांति के खगोलीय एवं सामाजिक रहस्यों का उद्घाटन किया। बताया कि आज के दिन सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा की ओर आ जाता है अर्थात दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता है। इससे धरती पर धीरे- धीरे ऊष्णता बढ़ती है। ऊष्णता बढ़ने के साथ-साथ जीव जंतुओं एवं पौधों में भी नई स्फूर्ति आने लगती है। धीरे-धीरे इस पृथ्वी पर एक नई चमक एवं नया सवेरा सा दिखाई देने लगता है। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रवीण गुप्ता, संतोष सिंह, चंद्रपीड मिश्र, किशन सिंह, प्रवीण कुमार, सुनील यादव, राहुल सिंह, नगर प्रचारक त्रिपुरारी, विवेक सिंह, युवा भारत के प्रांतीय प्रभारी बृजमोहन पांडेय, राजन वैदिक, अजय जायसवाल, प्रहलाद वर्मा, मुरली वर्मा, राजाराम, विनोद गुप्ता, सुधीर सोनकर, प्रशांत सिंह, दीपू सिंह, राजेश वर्मा आदि स्वयंसेवक थे।