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हाथ में किताब की जगह रोटी की तलाश

जागरण संवाददाता पुराघाट (मऊ) सरकार भले ही सर्वशिक्षा अभियान के तहत अरबों रुपये पानी

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 07:41 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 05:09 AM (IST)
हाथ में किताब की जगह रोटी की तलाश

जागरण संवाददाता, पुराघाट (मऊ) : सरकार भले ही सर्वशिक्षा अभियान के तहत अरबों रुपये पानी की तरह बहा रही हो लेकिन कोपागंज व आस-पास की सड़कों पर नौनिहाल कूड़ों में अपना भविष्य और रोटी तलाश रहे हैं। सुबह होते ही बोरे पीठ पर लादकर सड़कों पर निकल जाते हैं ओर कूड़ा बीनना शुरू कर देते हैं। पूछने पर बताते हैं कि उनके परिवार की दो जून की रोटी इसी कूड़े से निकलने वाले सामानों को बेचने से मिली धनराशि से मिलती है।

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सरकार बच्चों के भविष्य को लेकर अनेक योजनाएं चला रही है। मिड डे मील व अन्य योजनाएं काफी दिनों से चल रही हैं। इसके बावजूद अभी अनेक असहाय एवं अनाथ बच्चे कूड़ों की ढेर से निकले प्लास्टिक एवं अन्य सामान निकालकर रोजी रोटी के लिए दर-दर भटकते हुए दिखाई दे रहे हैं। गरीब परिवार के बच्चे मैला, कुचैला कपड़ा पहने बोरियां पीठ पर रखे गली, कूचों व कूड़ों की ढेर पर दिखाई दे रहे हैं। इसका मुख्य कारण अशिक्षा है। सरकार असहाय एवं गरीब बच्चों के लिए अनेक योजनाएं चलकर इन मासूमों का भविष्य संवारने के लिए प्रतिबद्ध है। बावजूद कोपागंज क्षेत्र में मासूमों की यह हालत देखकर हर कोई ठिठक जा रहा है। लोगों का कहना है कि जिन हाथों में किताब, कांपी होनी चाहिए, वह कूड़े में अपना भविष्य संवार रहे हैं। यह बेहतर समाज पर प्रश्नचिह्न उठा रहा है।

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प्रोबेशन अधिकारी व समाज कल्याण विभाग से 514 ऐसे बच्चों की सूची मिली थी। इनका एडमिशन करा दिया गया है और लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। जल्द ही ऐसे बच्चों का एडमिशन करा दिया जाएगा।

-आरपी राम, खंड शिक्षा अधिकारी।


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