घोसी को हाल्ट बनाए जाने से बढ़ रहा आक्रोश
जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने 30 किमी लंबी इंदारा-दोह
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने 30 किमी लंबी इंदारा-दोहरीघाट मीटर गेज रेल मार्ग के अमान परिवर्तन परियोजना का शुभारंभ कर नागरिकों के अरमानों को पंख लगा दिया था। इन आभासी पंखों के सहारे उड़ते नागरिकों की सारी खुशी हवा में ही नहीं बदली वरन आक्रोश का सबब बन गई जब बीते सप्ताह ब्रिटिश जमाने के रेलवे स्टेशन घोसी को हाल्ट बनाए जाने की सूचना मिली।
अंग्रेजों ने जनपद के अमिला, दोहरीघाट, गोंडा एवं घोसी क्षेत्र में गुड़ एवं खांड़सारी के व्यवसाय के चलते वर्ष 1902 में रेल लाइन का कार्य प्रारंभ किया। 1905 में इंदारा से दोहरीघाट तक 30 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाने के बाद लंबी दूरी की ट्रेन का संचालन प्रारंभ हुआ। 20 अक्टूबर 2016 को तत्कालीन रेल राज्य मंत्री सिन्हा ने इस मार्ग को बड़ी लाइन में बदले जाने का शिलान्यास किया। काफी विलंब से निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। घोसी की महत्ता के चलते यहां पर 600 मीटर लंबा प्लेटफार्म बनाया जा रहा था। 23 अगस्त को अचानक ठेकेदार को उच्चाधिकारियों ने घोसी को हाल्ट बनाए जाने की सूचना दी। यह सूचना मिलते ही सर्वप्रथम घोसी संघर्ष समिति ने आक्रोश प्रकट किया तो विरोध का यह क्रम अब भी जारी है। हाल ही में हुई समिति की बैठक में अध्यक्ष अरविद कुमार पांडेय, संरक्षक अब्दुल मन्नान खान, किसान नेता शेख हिसामद्दीन, खुर्शीद खान, नौशाद खान, सुदर्शन कुमार, गोपाल साहनी, रणधीर सिंह, जियाउद्दीन, मुंशी रसीद अहमद, बदरूल इस्लाम एवं हरेंद्र चौरसिया आदि ने अधिकारियों से वार्ता कर पक्ष रखने और बात न बनने पर आंदोलन से लेकर आमरण अनशन तक करने की चेतावनी दी। उधर लोजद भी इस मुहिम में शामिल है तो आम नागरिक भी इसे लेकर विरोध प्रकट करते हैं।
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घोसी जिले का सर्वाधिक प्राचीन तहसील मुख्यालय है। व्यावसायिक गतिविधियां भी सर्वाधिक हैं। परियोजना के बीच में स्टेशन से हाल्ट बनाया जाना नियम विरुद्ध है। इसे रेलवे स्टेशन का दर्जा दिलाने के लिए हर संघर्ष होगा।
-राजकुमार राय सदस्य कांग्रेस प्रांतीय कमेटी