चिताओं की संख्या में वृद्धि, लकड़ी की कीमतें स्थिर
जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) कोरोना संकमण की दूसरी लहर में कस्बा स्थित मुक्तिधाम घ
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : कोरोना संकमण की दूसरी लहर में कस्बा स्थित मुक्तिधाम घाट पर जहां प्रतिदिन सैकड़ों शवों की अंत्येष्टि की जा रही है। वहीं लकड़ियों के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इससे शवदाह करने वालों के लिए यह राहत की बात है।
लाकडाउन से पूर्व लकड़ी 600 रुपये प्रति कुंतल, धूप 50 रुपये किलो व चंदन की लकड़ी 2000 रुपये किलोग्राम बिक रही थी। आज भी उसी रेट से बिकने से राहत की खबर है। चंदन की लकड़ी शवदाह करने के लिए आए लोगों ने एक या दो पीस अपनी क्षमता अनुसार लिया जाता है। वही चंदन की लकड़ी का टूकड़ा 50 या 70 रुपये पीस पड़ता है। लकड़ियों के दामों में वृद्धि न होने का मुख्य कारण दूरदराज गांवों से आने वाले शवों की अंत्येष्टि करने के लिए आने वाले अधिकतर लोग खुद लकड़ी लेकर आ रहे हैं।