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अवकाश की बाधा, जिले में धान खरीद शून्य

दावा व्यवस्था में सुधार का और धान क्रय केंद्र खरीद को पूरी तरह तैयार। शुक्रवार से धान की खरीद प्रारंभ हुई पर एक छटांक खरीद न हो सकी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 10:04 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 10:04 PM (IST)
अवकाश की बाधा, जिले में धान खरीद शून्य
अवकाश की बाधा, जिले में धान खरीद शून्य

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : दावा व्यवस्था में सुधार का और धान क्रय केंद्र खरीद को पूरी तरह तैयार। शुक्रवार से धान की खरीद प्रारंभ हुई पर एक छटांक खरीद न हो सकी। दूसरे दिन शनिवार को अवकाश रहा तो रविवार को साप्ताहिक अवकाश के चलते प्रगति शून्य रही। एक प्रमुख कारण अभी धान की फसल का न कटना भी है तो सीमांत किसान छठ पर्व में व्यस्त रहे। अब सोमवार से ही खरीद प्रारंभ होने की उम्मीद है। हालांकि जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी वीके सिन्हा ने मझवारा क्षेत्र का स्वयं भ्रमण कर क्रय केंद्रों पर तैयारी का जायजा लिया।

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इस वर्ष शासन के फरमान पर जिला प्रशासन 42 क्रय केंद्रों के माध्यम से 71 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है। खरीद शुक्रवार से प्रारंभ हो गई है। प्रथम दिन एक छटांक भी धान क्रय न किया जा सका। कारण यह कि जिले में विलंबित प्रजाति की नाटी मंसूरी या सांभा और स्वर्णा सब वन या इससे मिलती जुलती प्रजातियों की खेती बहुलता से की जाती है। स्वयं के खाने भर को ही किसान पतले दाने के सुगंधित धान की प्रजातियों यथा नरेंद्र, पूसा बासमती, हरियाणा बासमती, मालवीय, कस्तूरी, शोभा एवं सोनम आदि प्रजातियों की खेती करते हैं। जिले में 85 से 115 दिनों में शीघ्र पकने वाली प्रजातियों की खेती बेहद कम होती है। दूजे यहां की मिट्टी एवं जलवायु ऐसी है बेचे जाने वाले धान की प्रजातियों की कटाई नवंबर के अंतिम सप्ताह में ही संभव है। बड़े किसान कंबाइन से धान कटवाते हैं। इन दिनों खेत में नमी ऐसी है कि मशीन से कटाई संभव नहीं है। अभी छोटे किसानों ने ही धान की कटाई प्रारंभ किया है। ऐसे किसान बहुधा कम ही धान बेचते हैं। उधर क्रय केंद्रों से अधिकांश किसान विमुख ही रहते हैं। किसान कटाई के बाद धान को खेत से घर तक लाने और इसे सुखाने के बाद बोरों या ट्राली में भरकर क्रय केंद्र तक लाने का तैयार नहीं है। इसकी वजह यह कि गारंटी नहीं कि उसका धान विभाग के मानक पर खरा उतरेगा और उत्पाद की खरीद हो पाएगी। खरीद होगी भी तो केंद्र पर ट्राली कितने दिन तक खड़ी रखनी होगी। इसके चलते तमाम किसान केंद्र से विमुख रहते हैं। अलबत्ता बड़े किसान तमाम समस्याओं के झाम के बावजूद केंद्र तक पहुंचने का प्रयास करते हैं।

क्रय केंद्रों पर यह है सुविधाएं

-महिला एवं सीमांत किसानों को धान खरीद में वरीयता। नेफ्ट या आरटीजीएस के बजाय किसान के खाते में सीधे आनलाइन भुगतान।

-हर किसान को केंद्र प्रभारी द्वारा टोकन दिया जाएगा। वह अपनी बारी के दिन ही धान ले आएगा।

-किसान के धान के नमूने का परीक्षण कर उत्पाद के मानक का आकलन होगा। शर्त : खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर पंजीकृत किसान का ही धान क्रय किया जाएगा।


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